हैदराबाद 19 अप्रैल: ओक़ाफ़ी जायदादों की पिछ्ले 30 बरसों के दौरान हुई तबाही की सीबीआई तहक़ीक़ात की दरख़ास्त करते हुए रियासती अक़लियती कमीशन की तरफ से हैदराबाद हाईकोर्ट में दाख़िल करदा रिट दरख़ास्त पर मबाहिस के बाद हाईकोर्ट ने तमाम फ़रीक़ैन को नोटिस जारी करने का हुक्म देते हुई अगली समाअत के लिए 8 जून की तारीख़ मुक़र्रर की है।
सदर नशीन रियासती अक़लियती कमीशन आबिद रसूल ख़ान ने प्रेस कांफ्रेंस से ख़िताब के दौरान ये बात बताई। उन्होंने बताया कि कमीशन की तशकील के साथ ही ओक़ाफ़ी जायदादों की तबाही की शिकायात मौसूल हो रही थी लेकिन कमीशन की तरफ से कई मर्तबा नोटिस जारी करने के बाद भी वक़्फ़ बोर्ड की तरफ से बे-एतिनाई को देखते हुए कमीशन ने अपने तौर पर तहक़ीक़ात का आग़ाज़ किया और 1000 से ज़ाइद सफ़हात पर मुश्तमिल रिपोर्ट तैयार करते हुए हुकूमत को तमाम मुआमलात की सीबीआई तहक़ीक़ात करवाने की सिफ़ारिश की।
हुकूमत तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के वज़िरे आला ने इस सिफ़ारिश पर संजीदगी का इज़हार करते हुए मुताल्लिक़ा महिकमा और वक़्फ़ बोर्ड के ज़िम्मेदार ओहदेदारों से राय हासिल करने की कोशिश की लेकिन एसा लगता है कि ओहदेदार नहीं चाहते कि लाखों करोड़ की जायदादों के ख़िरद बरद के मुआमलात की तहक़ीक़ात हो। आबिद रसूल ख़ान ने बताया कि आज भी वक़्फ़ बोर्ड के कौंसिल की तरफ से रिट दरख़ास्त के जवाज़ को चैलेंज करते हुए उसे ख़ारिज करने की ख़ाहिश की गई जिससे एसा महसूस होता है कि ओक़ाफ़ी जायदादों के लुटेरों को बचाने के लिए कोशिशें शुरू हो चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि कमीशन की तरफ से अदालत में दाख़िल करदा दरख़ास्त में दस्तावेज़ी शवाहिद पेश किए गए हैं जिनमें ओक़ाफ़ी जायदादों की तबाही के तरीका-ए-कार को पेश किया गया है।
उन्होंने बताया कि मलकाजगिरी में मौजूद 300 एकड़ ओक़ाफ़ी अराज़ी के तहफ़्फ़ुज़ के सिलसिले में जब महिकमा माल के ओहदेदारों को मकतूब रवाना किया गया तो मुताल्लिक़ा तहसीलदार ने कमीशन को तहरीरी जवाब रवाना करते हुए बताया कि जायदाद का हक़ मिल्कियत रखने वाला इदारा यानी ख़ुद वक़्फ़ बोर्ड इस जायदाद के तहफ़्फ़ुज़ के मुआमले में संजीदा नहीं है।
आबिद रसूल ख़ान ने मुअज़्ज़म जाहि मार्किट पर मौजूद इंतेहाई क़ीमती ओक़ाफ़ी अराज़ी की तबाही का तज़किरा करते हुए कहा कि हज़ारों करोड़ मालियती आराज़ीयात की तबाही की आला सतही तहक़ीक़ात को नागुज़ीर तसव्वुर करते हुए कमीशन ने अदालत से रुजू होने का फ़ैसला किया है।
उन्होंने बताया कि जब स्कैमस मंज़र-ए-आम पर आते हैं तो उनकी तहक़ीक़ात करवाने में कोई आर नहीं होना चाहीए और वक़्फ़ जायदादों की तबाही के करोड़ों रुपये के स्कैमस मंज़रे आम पर आचुके हैं।
उन्होंने बताया कि अदालत पर उन्हें मुकम्मिला एतेमाद है और कमीशन की तरफ से दाख़िल करदा दरख़ास्त मुराफ़ा नंबर 12627/16पर मुकम्मिल सुनवाई के दौरान वक़्फ़ जायदादों की तबाही का रिकार्ड रखने वाले लोग भीमा दस्तावेज़ात कमीशन से रुजू हो सकते हैं या फ़र अपने तौर पर फ़रीक़ बनने के लिए दरख़ास्त दाख़िल कर सकते हैं।