दिल्ली यूनीवर्सिटी के 4 कालेज्स को दिल्ली हाइकोर्ट ने आज दीगर पसमांदा तबक़ात के तलबा (अन्य पिछ्ड़े वर्ग के छात्रों) के लिए उन की नशिस्तों ( सीट्स) में 27 फ़ीसद (%)तहफ़्फुज़ात (आरक्षण) से दाख़िलों के लिए इस्तिस्ना ( छूट) दे दिया।
तालीमी साल 2012१3 के लिए ये इस्तिस्ना ( छूट) इस बिना पर किया गया है कि ये कालेज अक़ल्लीयती तालीमी इदारे (minority educational institutions) हैं। जस्टिस वी के जैन और प्रतिभा रानी पर मुश्तमिल एक बंच ने ये इस्तिस्ना (छूट) एस जी टी बी ख़ालिसा कॉलिज, गुरूनानक देव ख़ालिसा कालेज, माता सुंदरी कालेज और गुरु गोबिंद सिंह कालेज आफ़ कामर्स को दिया है।
इस तरह वो दरख़ास्तें मंज़ूर कर ली गईं, जिन में कहा गया था कि इन कालेज्स( Colleges) को अक़ल्लीयती तालीमी इदारे क़ौमी कमीशन बराए अक़ल्लीयती तालीमी इदारा जात (National Commission for Minority Educational Institutions (NCMEI) ) की जानिब से क़रार दिया गया है।
अदालत ने ये तरीका-ए-कार जिस में ये इदारा (चार कालेज्स) को 2011-12 से तहफ़्फुज़ात (आरक्षण) से इस्तिस्ना ( छूट) दिया जा रहा है। इन तहफ़्फुज़ात की वजह से उन इदारों का तरीका-ए-कार मुतास्सिर ( प्रभावित) नहीं होगा क्योंकि उन्हें पहले ही क़ौमी कमीशन की जानिब से अक़ल्लीयती तालीमी इदारे क़रार दिया जा चुका है।
अदालत ने ये भी कहा कि इस के 29 मई के हुक्मनामा में तरमीम की जाती है जो वाहिद जज की जानिब से जारी किया गया था, जिस में इन चारों कालेजों को हिदायत दी गई थी कि वो यूनीवर्सिटी की हिदायात की तामील करें, जिन में इन से ख़ाहिश की गई है की 27 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात (आरक्षण) की पालिसी ( नीति) पर अमल किया जाए और एस सी, एस टी और ओ बी सी ज़मुरा के तलबा को तहफ़्फुज़ात के तहत दाख़िले दिए जाएं।
इन कालेज्स ने डीवीजन बंच से रुजू होकर यूनीवर्सिटी के 29 मई के हुक्म को चैलेंज करते हुए 27 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात बराए ओ बी सी से इस्तिस्ना ( छूट) देने की ख़ाहिश की थी। चुनांचे बंच ने कहा कि वाहिद रुकनी बंच के 29 मई 2012 के हुक्मनामा में तरमीम की जाती है कि दरख़ास्त गुज़ार ये कालेज्स साल 2012१3 के लिए दाख़िलों में तहफ़्फुज़ात ( छूट) के बगै़र तलबा ( छात्रों) को दाख़िला ( प्रवेश) दे सकते हैं।
बंच ने मज़ीद कहा कि इन कालेज्स को अक़ल्लीयती तालीमी इदारे ( Minority Educational Institutions) क़रार दिया गया है। चुनांचे ये इंसाफ़ नहीं होगा कि इन कालेज्स को दीगर पसमांदा तबक़ात के तलबा (अन्य पिछ्ड़े वर्ग के छात्रों) के लिए दाख़िलों ( प्रवेश) में तहफ़्फुज़ात ( छूट) फ़राहम करने की हिदायत दी जाए।