मेलबर्न से जारी बयान में आजम खां ने कहा कि अभी कुछ साल पहले ही तत्कालीन केंद्र सरकार बाबा रामदेव के काले कारनामों की जांच करा रही थी,उस वक्त उनका जीना मुहाल हो गया था। देवबंद की इस्लामिक कांफ्रेंस में इन्होंने कहा था कि मैं देवों की धरती पर देवों के बीच आया हूं।इतने महान उलेमा की मौजूदगी में मैं कहना चाहता हूं कि हम एक ही मालिक की संतान हैं।
उस वक्त देवबंद के उलेमा और इस्लाम की तारीफ करने वाले कौन से रामदेव थे? अब आरएसएस और भाजपा के एजेंट के रूप में देश का माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले कौन से रामदेव हैं?उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव को न सिर्फ माफी मांगनी चाहिए, बल्कि अपनी सजा खुद तय करनी चाहिए। आजम खां ने कहा कि मैं देश के सभी धर्मों और वर्ग के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वो ऐसे मौकापरस्त लोगों की बातों पर किसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त न करें।
रोहतक में आयोजित सद्भावना सम्मेलन में योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा था कि कोई टोपी पहनकर खड़ा हो जाता है और कहता है कि भारत माता की जय नहीं बोलूंगा, चाहे तो मेरा सिर काट लिया जाए। हम कानून का सम्मान करते हैं,नहीं तो ऐसा बोलने वालों के सिर काट देते।
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