कठेरिया की AMU को धमकी- सिफारिश नहीं मानी तो रुकवा दूंगा सरकारी मदद

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह अपने यहां साढ़े 22 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने की आयोग की सिफारिश का अनुपालन नहीं करता है तो वह इस संस्थान को मिलने वाली सरकारी मदद रुकवा देंगे.

कठेरिया ने एएमयू के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात के बाद कहा, ‘अगर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अधिकारी एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान साबित करने के आयोग के लिखित सवाल का एक महीने के अंदर समुचित जवाब नहीं देते हैं, तो वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से एएमयू को मिलने वाले सभी अनुदान रोकने को कहेंगे.

आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग ने अब फैसला किया है कि वह एएमयू के अल्पसंख्यक संस्थान के दावे के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में लम्बित केस में पक्षकार बनेगा.

पूर्व की यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के दावे का समर्थन किया था. वहीं, मौजूदा मोदी सरकार ने इसके ठीक उलटा रुख अपनाते हुए एक हलफनामा दाखिल कर एएमयू के दावे को निरस्त कर दिया है. अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और एएमयू अधिकारियों की बैठक में कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर तबस्सुम शहाब ने भी शिरकत की.

 योगी ने उठाए थे सवाल

बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में एएमयू और जामिया मिलिया इस्लामिया में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिये आरक्षण की व्यवस्था नहीं होने पर सवाल उठाये थे. उसके बाद इस मामले ने तेजी अख्तियार कर ली. अलीगढ़ से बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने एएमयू कुलपति को इस सिलसिले में एक खत भी लिखा था.

इस बीच, एएमयू के अधिकारियों ने आयोग के अध्यक्ष कठेरिया से कहा कि विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे का मामला सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है, लिहाजा इस वक्त उसकी दाखिला प्रणाली में किसी भी तरह की छेड़छाड़ करना अदालत की अवमानना होगा.