कड़े फैसले लेने के लिए “आरबीआई” स्वतंत्रत हो- रघुराम राजन

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने शनिवार को केंद्रीय बैंक तथा इसके गवर्नर की भूमिका एवं उत्तरदायित्व की स्वतंत्रता की वकालत की और कहा कि आरबीआई का काम उतना आसान नहीं है जितना दिखता है। राजन ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज में एक कार्यक्रम में आरबीआई गवर्नर के रूप में अपने अंतिम भाषण में कहा कि आरबीआई का काम सिर्फ ब्याज दरें बढ़ाना या घटाना ही नहीं है। उसे घोर अनिश्चितता के समय में कभी-कभी अलोकप्रिय फैसले भी करने होते हैं जिनके बारे में समझाना मुश्किल होता है।

उन्होंने 2013 का उदाहरण दिया जब उन्होंने कार्यभार संभाला था। अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही थी और रुपया लुढ़कता जा रहा था। विदेशी निवेशकों का विश्वास जीतना जरूरी था। उस समय उन्होंने एफसीएनआर (बी) योजना लांच करने का फैसला किया जो देश, केंद्रीय बैंक तथा वाणिज्यिक बैंकों के हित में रहा। इससे उन्हें सीख मिली कि अनिश्चितता की स्थिति में नीति निर्धारण में हमेशा थोड़ा जोखिम उठाना होता है।