नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 लाख रुपये वाले वादे पर कहा कि आप को पता नहीं है पर मेरे खाते में 15 लाख रुपये आ गए हैं, जिनमें से 3 लाख रुपये का टैक्स भी अदा कर दिया हूँ।
उक्त बातें उन्होंने समाचार 18 के चौपाल कर्यक्रम में कही, उन्होंने आगे कहा कि देश के अंदर आईआईटी में पढ़ने वालों के लिए भोजन की जरूरत होती है। अगर खाने की बात की जाए तो किसान की बातें आएंगी और देश के विकास में किसानों का सबसे अधिक सहयोग होता है। कन्हैया से एक पार्टी और विचारधारा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं किसी पार्टी से संबद्ध नहीं हूँ। मैं देश की अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाता हूँ।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने 17 प्रतिशत की उच्च शिक्षा का बजट कम कर दिया। इससे पता चलता है कि जो मारजनाईज़ड लोग हैं उनको नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। में साकेत या एबीवीपी को कोई देशभक्ति का प्रमाणपत्र नहीं दे रहा. केरल और जहां पर शिक्षा अधिक होता है, वहाँ के लोग सबसे जागरूक रहते हैं। जेएनयू को हाल फिलहाल में ही बेहतरीन विश्वविद्यालय का पुरस्कार मिला है।
उन्होंने कहा कि वह देश विरोधी और देश की बर्बादी वाले नारे लगाने वालों के खिलाफ हैं। जिन्होंने ये नारे लगाए, उनके खिलाफ चार्जशीट फाइल की जानी चाहिए. कन्हैया ने कहा कि जो संविधान के तहत है, वही देश के हित में है और जो संविधान के खिलाफ है वह राष्ट्र विरोधी है। स्वतंत्रता का कोई रंग नहीं होता है।
कन्हैया ने उन लोगों को भी जवाब दिया, जो जेएनयू में पीएचडी कर रहे छात्रों पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि यह भ्रम है, हर काम के लिए एक समय लगता है, स्नातक के लिए कम से कम 27 साल लगते हैं। तो मेरी उम्र बहुत ज्यादा नहीं है।