रांची 28 मई : रांची स्टेशन पर आगजनी की मुसलसल दो बड़ी हादसात हो चुकी हैं कोई हताहत तो नहीं हुआ, लेकिन लाखों की ज़ायदाद जल चुकी है। इसके बाद भी रेल इंतेजामिया आग से बचने के अक्दमात नहीं कर रहा है। इस वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। रांची से खुलने और गुजरने वाली ट्रेनों में खुले में लटक रहे बिजली के तार हर वक्त खतरे को दावत देते दिख रहे हैं। इसके अलावा रांची स्टेशन पर भी कई जगह शॉर्ट सर्किट का खतरा मंडरा रहा है।
मालगाड़ी के इंजन में लगी थी आग
शॉट सर्किट की वजह से गुजिस्ता चार अप्रैल को रांची स्टेशन खाक होने से बच गया था। शॉट सर्किट की वजह से कोयला लदी मालगाड़ी के इंजन की बैटरी में आग लग गई थी। आग पर काबू पाने में करीब दो घंटे लग गए। उस दिन पूरा ट्राफिक बुरी तरह से मुतासिर हो गया था।
इसके अलावा गुजिस्ता जुमा को प्लेटफार्म नंबर तीन की पटरियों पर बिछे केबल में आग लग गई थी। वक़्त पर आग पर काबू पा लिया गया। वरना प्लेटफार्म नंबर तीन पर खड़ी रांची पटना जन शताब्दी एक्सप्रेस जल जाती है।
पैसेंजर ट्रेनों का हाल बुरा
सबसे ज्यादा खतरा रांची से खुलने वाली पैसेंजर ट्रेनों में है। रांची-धनबाद पैसेंजर, गरबेता पैसेंजर, हटिया-खड़गपुर पैसेंजर की बोगियों की हालत बदतर हो चुकी हैं। जहां-तहां बिजली के नंगे तार लटक रहे हैं। जिनके आसपास पानी का नल भी है। कई जगहों पर पंखों के ऊपर तार लटकते दिख जाएंगे। इन खतरों पर बिजली विभाग की नजर नहीं जाती है।