कमउमर तालिब-ए-इल्म शेख़ मुस्तफा के क़त्ल में फ़ौज शामिल नहीं

शेख़ मुस्तफा क़त्ल केस के सिलसिले में हाइकोर्ट में दाख़िल की गई दरख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा की समाअत के दौरान फ़ौज ने अपना हलफनामा दाख़िल करते हुए किसी भी फ़ौजी के शामिल होने से इनकार कर दिया।

अदालत में फ़ौज की तरफ से हलफनामा दाख़िल करते हुए अदालत को ये बताया कि मुस्तफा क़त्ल केस के सिलसिले में हुमायूँनगर पुलिस और स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने 70 फ़ौजीयों की तफ़तीश की थी और फ़ौज पुलिस तहक़ीक़ात में हर मुम्किन तआवुन कररही है।

कर्नल ने ये शुबा ज़ाहिर किया कि आम शहरी फ़ौज की वर्दी पहन कर ये वारदात में शामिल हुए होंगे। लांस नायक उपला राजू की ख़ुदकुशी से मुताल्लिक़ वज़ाहत पेश करते हुए फ़ौज ने हाइकोर्ट को बताया कि पुलिस की तरफ से मुसलसिल तफ़तीश करने के सबब ये इंतिहाई इक़दाम क्या होगा और उसकी ख़ुदकुशी का इस क़त्ल केस से कोई ताल्लुक़ नहीं है।

फ़ौज ने ये वाज़िह तौर पर बताया हैके उन्हें किसी भी तहक़ीक़ाती एजेंसी की तरफ से इस केस में तहक़ीक़ात करने से कोई एतेराज़ नहीं है। कमउमर तालिब-ए-इल्म शेख़ मुस्तफ़ा क़त्ल केस के सिलसिले में सी बी आई तहक़ीक़ात करवाने यहां के एक मुक़ामी वकील एडवोकेट ग़ुलाम रब्बानी ने दरख़ास्त मफ़ाद-ए-आम्मा अदालत में दाख़िल की थी और इस सिलसिले में कमिशनर पुलिस हैदराबाद ने अपना हलफनामा दाख़िल करते हुए केस की तहक़ीक़ात से मुताल्लिक़ तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवाया था।