करप्शन और अदम मुसावात के मसाइल आम आदमी पार्टी की जानिब से उठाए जाने का खैरमक़दम करते हुए सी पी आई (एम) ने कहा कि आम आदमी पार्टी को नौ फ़राख़दल मआशी पालिसीयों की अपनी फ़हम को मज़ीद वाज़िह करना चाहिए। आम आदमी पार्टी के बारे में सवालों का जवाब देते हुए सी पी आई एम के सीनियर क़ाइद सीता राम यचोरी ने कहा कि ये अरविंद केजरीवाल की पार्टी की ज़िम्मेदारी है कि वो इस बात का फ़ैसला करे कि वो बाएं बाज़ू और दीगर सेकुलर ताक़तों के साथ इत्तेहाद करेगी या नहीं।
उन्होंने कहा कि इसका फ़ैसला इंतेख़ाबात के बाद ही मुम्किन है। उन्होंने कहा कि ये अच्छी बात है कि वो ये मसाइल उठारहे हैं लेकिन करप्शन मौरूसी हो गया है। नौ फ़राख़ दिल पालिसीयों में तौसीअ होगई है जिसकी वजह से सरमाया दारीयत और करप्शन की इजारादारी क़ायम है।
हमें इन पालिसीयों पर तन्क़ीद करना चाहिए और ईसी मरहला पर (आम आदमी पार्टी के) वाज़िह मौक़िफ़ की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को फ़िर्कावारीयत के बारे में अपने मौक़िफ़ की भी वज़ाहत करनी चाहिए। उन्होंने उमीद ज़ाहिर की कि इन दोनों मसाइल पर वाज़िह मौक़िफ़ आइन्दा इंतेख़ाबी मुहिम के दौरान ज़ाहिर होजाएगा।
सीताराम यचोरी ने दो इंतेख़ाबी वरक़िए जिनका उनवान हिन्दुस्तान की दो हक़ीक़तें : बेअंदाज़ा दौलत, कुचल देने वाली ग़ुर्बत। यही दोनों आज़ाद हिन्दुस्तान में बदउनवानी को प्रवान चढ़ारहे हैं। उन्होंने कहा इक्का करप्शन के ख़िलाफ़ जंग उस वक़्त तक ख़त्म नहीं होगी जब तक कि आज़ाद लोक पाल क़ायम ना होजाए।
उन्होंने कहा कि जालसाज़ी के ख़िलाफ़ जंग के लिए सख़्त क़वानीन की ज़रूरत है। ये जद्द-ओ-जहद पालिसीयों को बरअक्स करदेगी जिन की वजह से कॉरपोरेट घरानों को हमारे मुल्क के क़ुदरती वसाइल लौटने की खुली आज़ादी मिल गई है। उन्होंने कहा कि ताक़तवर क़वानीन बनाने की ज़रूरत है।
इस सवाल पर कि क्या सी पी आई (एम) बाएं बाज़ू और इलाक़ाई पार्टीयों की हुकूमत में शामिल होगी, अगर एसा मख़लूत इत्तेहाद बरसरए इक़्तेदार आजाए। यचोरी ने कहा कि इसका फ़ैसला इंतेख़ाबात के बाद पार्टी की मर्कज़ी कमेटी करेगी। उन्होंने कहा कि बी जे पी और कांग्रेस नौ फ़राख़दल पालिसीयों के चौखटे को मुस्तहकम करने के पाबंद हैं।
मआशी अदम मुसावात के नतीजे में दो किस्म का हिन्दुस्तान वजूद में आया है। एक दरख़शां हिन्दुस्तान और दूसरा मुसीबतज़दा हिन्दुस्तान। यचोरी ने कहा कि हिन्दुस्तान में 70 अरबपती 2014 में हैं। 2013 में उनकी तादाद 53 थी। जिन की मुशतर्का दौलत 24 लाख करोड़ रुपये या जी डी पी का एक चौथाई है।
सरे फ़हरिस्त 10 अफ़राद की शख़्सी दौलत जी डी पी के 6 फ़ीसद के मुसावी है। उन्होंने कहा कि असासाजात की ख़तीर मिक़दार एसी है जिस का एलान नहीं किया गया है और जिसे बैरून-ए-मुल्क मुंतक़िल किया गया है। इस गै़रक़ानूनी दौलत के मुक़ाबिल 80 फ़ीसद से ज़्यादा अवाम ग़ुर्बत ज़दा हैं।