कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री एच डी कुमारस्‍वामी ने डॉ जितेन्‍द्र सिंह से की मुलाकात

कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री एच डी कुमारस्‍वामी ने केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास, कार्मिक,जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ.जितेन्‍द्र सिंह से आज यहां मुलाकात की। दोनों नेताओं ने प्रशासनिक मुद्दों और राज्‍य में वर्तमान बाढ़ की स्थिति सहित विभिन्‍न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

बैठक के दौरान मुख्‍यमंत्री श्री कुमारस्‍वामी ने डॉ जितेन्‍द्र सिंह से अनुरोध किया कि वे प्रतिनियुक्ति पर तैनात कुछ अधिकारियों को वापस कर्नाटक भेजें। उन्‍होंने राज्‍य में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की तैनाती से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। डॉ जितेन्‍द्र सिंह ने आश्‍वासन दिया कि वे डीओपीटी में संबद्ध अधिकारियों के साथ जल्‍द से जल्‍द इस मुद्दे को उठाएंगे और नियमों के अनुसार जो कुछ संभव होगा करेंगे।

मुख्‍यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्‍नता जाहिर की कि बेंगलुरू में पूर्वोत्‍तर के छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण हो चुका है और उसका जल्‍द उदघाटन किया जा सकता है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पूर्वोत्‍तर की लड़कियों के लिए बेंगलुरू में जून 2016 में एक छात्रावास की आधारशिला रखी थी। ये छात्रावास बैंगलोर विश्‍वविद्यालय में अपनी तरह का पहला छात्रावास है, जिसमें 250 से अधिक छात्राएं रह सकती हैं।

इस छात्रावास के लिए धनराशि पूर्वोत्‍तर परिषद (एनईसी), शिलांग ने दी है। इस छात्रावास का उद्देश्‍य देश के अन्‍य भागों में अध्‍ययन कर रहे पूर्वोत्‍तर के छात्रों को सुविधा प्रदान करना है। डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने बताया कि इस छात्रावास में 75 प्रतिशत सीटें पूर्वोत्‍तर के छात्रों के लिए आरक्षित करने का प्रस्‍ताव है, जबकि शेष 25 प्रतिशत सीटें देश के अन्‍य भागों के छात्रों को दी जाएंगी।

पूर्वोत्‍तर और देश के अन्‍य भागों के छात्रों को एक स्‍थान पर लाकर दोनों के बीच बेहतर तालमेल कायम हो सकेगा। इस बात पर गौर करते हुए कि बैंगलोर विश्‍वविद्यालय छात्रों को आकर्षित करता है, लेकिन इसमें बहुत से छात्रों को रहने के लिए सस्‍ती जगह मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि इससे इन छात्रों खासतौर से ल‍ड़कियों को मदद मिलेगी।

मुख्‍यमंत्री ने डॉ. जितेन्‍द्र सिंह को कर्नाटक में बाढ़ की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी। मुख्‍यमंत्री ने बताया कि बाढ़ की स्थिति अब नियंत्रण में है और राहत उपाय जारी हैं।

दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष विभाग से जुड़े अन्‍य महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया, जिसका मुख्‍यालय बेंगलुरू में है।