कश्मीर और शुमाल मशरिक़ में इन्सदाद-ए-दहशत गर्दी मुहीम

जम्मू-ओ-कश्मीर और शुमाल मशरिक़ी रियास्तों में गुजिश्ता तीन साल के दौरान फ़ौज की जानिब से 232 इन्सदाद-ए-दहशत गर्दी ऑपरेशंस के दौरान 654 अस्करियत पसंद हलाक होचुके हैं।

लोक सभा में एक तहरीरी सवाल का जवाब देते हुए वज़ीर-ए-दिफ़ा ए के अन्टोनी ने ये आदाद-ओ-शुमार पेश किए। उन्होंने मज़ीद कहा कि मुंदरजा बाला मुद्दत के दौरान ही नैशनल हियूमन राईट्स कमीशन से तहक़ीक़ात के लिए जिन 68 मुआमलात को रुजू किया गया था, उन में 60 मुआमलात की तहक़ीक़ात मुकम्मल हुईं लेकिन किसी को भी सज़ा क़रार नहीं दिया गया।

जबकि आठ मुआमलात और‌ तहक़ीक़ात चल रहा हैं। उन्होंने कहा कि 2010 में दहश्तगरदों के ख़िलाफ़ सब से ज़्यादा ऑपरेशंस अंजाम दिए गए जहां 103 ऑपरेशंस के दौरान 329 अस्करियत पसंद हलाक हुए। अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि 14 अगस्त‌ 2013 तक फ़ौज ने 33 ऑपरेशंस अंजाम देते हुए 53 अस्करियत पसंदों को हलाक किया।

जम्मू-ओ-कश्मीर और शुमाल मशरिक़ी रियास्तों में फ़ौज अस्करियत पसंदी का ख़ातमा करने कई दहाईयों से मसरूफ़ है। एक और सवाल का जवाब देते हुए अनटोनी ने कहा कि फ़ौज को 9590 ऑफीसर्स और 22,841 जवानों की क़िल्लत का सामना है जबकि उनके लिए मुख़तस करदा तादाद बिलतर्तीब 47,762 और 11,50,191 है।

उन्होंने कहा कि ऑफीसर्स की क़िल्लत की पा बजाई के लिए हुकूमत ने गया में ऑफीसर्स की तर्बीयत के लिए दूसरी एकेडेमी भी क़ायम की है।