नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक पीआईएल पर अपना जवाब दाखिल करने में विफलता पर केंद्र को 30 हजार रुपये का भुगतान का आदेश दिया। इस पीआईएल में आरोप लगाया गया है कि जम्मू-कश्मीर में बहुसंख्यक मुसलमान अल्पसंख्यक लाभ से लाभ कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश जेएस केहर और न्यायमूर्ति एन वी रमना होता पीठ ने केंद्र परिषद को यह अनुमति भी दी कि यह राशि अंदरून दो सप्ताह प्रस्तुत करा देते तो जवाब दाखिल करें और बताया कि इसी कारण के लिए पिछले बार 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
पीठ ने कहा कि चूंकि यह मामला बहुत महत्वपूर्ण है और वह केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर प्रदान कर रहे हैं। इससे पहले अदालत ने केंद्र, राज्य सरकार और राष्ट्रीय आयोग अल्पसंख्यक को जम्मू के एडवोकेट अनकुर शर्मा की दायर याचिका पर नोटिस जारी किए थे। दरख़ास्त गुज़ार ने आरोप लगाया हैकि जो लाभ अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। उनसे मुसलमान लाभान्वित हो रहे हैं जो जम्मू-कश्मीर में बहुमत में हैं।