कश्मीर : पैलेट गन का शिकार होने के बावजूद घाटी के छात्रों ने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में दिए अच्छे नतीजे

हिंदुस्तान टाइम्स की एक विशेष रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में पैलेट गन का शिकार होने के बावजूद छात्रों ने 10वी और 12वीं की परीक्षा में अच्छे नतीजे हासिल किए हैं। इन छात्रों में से एक 18 वर्षीय सुहैल गुल बताते हैं कि पैलेट गन लगने की वजह से उन्हें बाईं आंख से दिखना बंद हो गया था। इसके बाद उन्हें कई बार सर्जरी करानी पड़ी।

उन्होंने 12वीं में 75 फीसदी अंक हासिल किए. अखबार से बातचीत में वे बताते हैं, ‘चार सर्जरी के बाद पढ़ाई करना आसान नहीं था। जब भी मैं पढ़ने की कोशिश करता तो आंखों में तकलीफ होने लगती.’ भविष्य में शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले सुहैल बताते हैं कि अगर वे घायल नहीं होते तो और अच्छे नतीजे हासिल कर पाते।

जुलाई, 2016 में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा बड़ी संख्या में पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया था। इनमें प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ घाटी के आम लोग भी घायल हुए थे। अस्पतालों से हासिल आंकड़ों के मुताबिक करीब 1000 लोगों की आंखों में चोट लगी, जिनमें कई अंधेपन का शिकार हो गए।