नई दिल्ली। कश्मीर में जारी हिंसा को शांत करने के लिए अब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पर्दे के पीछे से बातचीत का रास्ता चुना है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने प्रतिष्ठित मुस्लिमों से दो दौर की बातचीत की है जिनमें अधिकांश गैर-कश्मीरी मुस्लिम हैं। इस बातचीत में उन्होंने कश्मीरियों के साथ बातचीत शुरू करने वाली एक कार्ययोजना पर चर्चा की गई। पहली मुलाकात 18 अगस्त को राजनाथ सिंह के दफ्तर में जबकि दूसरी मुलाकात के दौरान रविवार को 14 लोगों ने गृहमंत्री से मुलाकात की थी और इस दौरान गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
रविवार को हुई बैठक में ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व जज इशरत मसरुर कुदुसी, मिली गैजेट के एडिटर जफरुल इस्लाम खान, पूर्व राज्य सभा सदस्य शाहिद सिद्दीकी, सुरक्षा विशेषज्ञ कमर आगा, सुप्रीम कोर्ट के वकील अशोक भान, पूर्व जम्मू कश्मीर इंटरलोक्युटर एमएम अंसारी और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता मुफ्ती शमीम काजमी शामिल थे।
मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार पहली मुलाकात के बाद जम्मू कश्मीर पर काम कर रहे अलग-अलग समूहों की रिपोर्ट, जिनका कभी भी पूर्ण रुप से कार्यान्वयन नहीं हो सका अब इन पर नए सिरे से विचार शुरू किया गया। घाटी में हालात सुधरने के बाद इन रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशों को लागू किया जाएगा। बैठक के दौरान मौजूद लोगों को राजनाथ ने यह संकेत दिया कि सरकार त्रि-स्तरीय योजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने बैठक में उपस्थित लोगों को इस बात का भरोसा दिलाया कि पैलेट कम के उपयोग को कम किया जाएगा।