रियासती विमेर सिविल स्पलाईज़ डी सिरीधर बाबू ने आज रात काबीना से स्तीफ़ा पेश करदिया है। उन्होंने असेंबली में तेलंगाना मुबाहिस से पहले पारलीमानी उमूर के क़लमदान से उन्हें सबकदोश करदेने के ख़िलाफ़ बतौरे एहतेजाज ये फैसला किया है।
तेलंगाना क़ाइदीन के साथ मुसलसिल मुशावरत और अपने असेंबली हलके के अवाम से राबिता के बाद सिरीधर बाबू ने अपना मकतूब स्तीफ़ा चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी को हवाले करदिया है। वज़ीर मौसूफ़ के एक करीबी साथी ने ये बात बताई।
सिरीधर बाबू का करीमनगर से ताल्लुक़ है और उन्होंने कल ही अपना मकतूब स्तीफ़ा तैयार करलिया था ताहम साथी वुज़रा ने उन्हें जल्दबाज़ी में कोई इक़दाम ना करने का मश्वरह दिया था जिस पर उन्होंने शाम तक सब्र क्या।
सिरीधर बाबू ने शाम कुल हिंद कांग्रेस के सेक्रेटरी रामचंद्रा कंटिया से मुलाक़ात की और ये मसला रुजू क्या। समझा जाता है कि कंटिया ने सिरीधर बाबू से कहा कि क़लमदानों की तक़सीम यह इन में तबदीली चीफ मिनिस्टर का इख़तियार है और इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
बादअज़ां सिरीधर बाबू ने अपने हामियों और करीमनगर के क़ाइदीन से मुशावरत की और फिर काबीना से मुस्ताफ़ी होने का फैसला करलिया।
सिरीधर बाबू एक वक़्त में चीफ मिनिस्टर के करीबी रफीक समझे जाते थे जो मुत्तहदा आंध्र के कट्टर हामी हैं।