रियासती हज कमेटी के आज़मीन के आख़िरी दो क़ाफ़िले हैदराबाद से जेद्दाह के लिए रवाना हुए। इस तरह रियासती हज कमेटी के ज़रीये हज बैतुल्लाह के लिए रवानगी का अमल मुकम्मिल होगया और 18 क़ाफ़िलों के ज़रीये जुमला 6043 आज़मीन मक्का मुकर्रमा पहुंच चुके हैं।
आज़मीने हज्ज का 17 वां क़ाफ़िला कल सुबह 11:30 बजे शम्सआबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट सऊदी एयरलाइन्स की ख़ुसूसी परवाज़ के ज़रीये जेद्दाह रवाना हुआ जबकि 18 और आख़िरी क़ाफ़िले की फ़्लाईट ने शाम 4 बजे उड़ान भरी।
तेलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाले कांग्रेस क़ाइदीन ने हज हाउज़ नामपली पहुंच कर आख़िरी क़ाफ़िले को विदा किया। सदर तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस पोंनाला लक्ष्मीया , साबिक़ वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद-ओ-और क़ानूनसाज़ कौंसिल में डिप्टी लीडर मुहम्मद अली शब्बीर, साबिक़ वज़ीर डी नागेंद्र, डिप्टी मेयर राजकुमार ने दुसरे क़ाइदीन के साथ पहुंच कर आज़मीने हज्ज को विदा किया।
पोंनाला लक्ष्मीया ने आज़मीने हज्ज से उर्दू में ख़िताब करते हुए उन्हें हज पर रवानगी के लिए मुबारकबाद पेश की। उन्होंने कहा कि वो अल्लाह के घर के मेहमानों को मुबारकबाद देने के लिए यहां आए हैं और उनकी ख़ाहिश हैके इस मुक़द्दस सरज़मीन पर हिंदुस्तान बिलख़सूस रियासत तेलंगाना को दुआओं में याद रखें।
उन्होंने आज़मीने हज्ज के सफ़र की आसानी और ख़ैरीयत से वापसी के लिए नेक तमन्नाओं का इज़हार किया। मुहम्मद अली शब्बीर ने आज़मीने हज्ज को मश्वरह दिया कि वो अपना सारा वक़्त इबादतों में सिर्फ़ करें और ग़ैर ज़रूरी लग़वयात से गुरेज़ करें।
उन्होंने कहा कि क़ुरआ अंदाज़ी के ज़रीये हज के लिए इंतेख़ाब दरअसल अल्लाह की तरफ से बुलावा है। उन्होंने कहा कि हज के दौरान कई मवाक़े दुआओं की क़बूलीयत के हैं लिहाज़ा आज़मीन को इन मवाक़े से भरपूर इस्तेफ़ादा करना चाहीए।