नई दिल्ली। राहुल के अध्यक्ष पद संभालते ही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती अगले एक साल में 8 विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को तैयार करना होगा। अगले साल राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक के अलावा पूर्वोत्तर के राज्यों नागालैंड, मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा में विधानसभा के चुनाव हैं।
इनमें से त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के चुनाव फरवरी, 2018 में ही हैं। इनमें से मेघालय में कांग्रेस की सरकार है लिहाजा राहुल के सामने यहां सरकार बचाए रखने की चुनौती होगी।
इसके अलावा नागालैंड में नागा पीपल फ्रंट की सरकार है जबकि त्रिपुरा में सी.पी.आई. (एम) सत्ता में है। इसके तुरंत बाद अगले साल मई में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हैं।
यहां कांग्रेस की ही सरकार है और भाजपा यहां आक्रामक तरीके से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है, लिहाजा राहुल के सामने यहां सरकार बचाने की चुनौती होगी।
इसके बाद अगले साल नवम्बर-दिसम्बर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के अलावा मिजोरम में चुनाव होंगे। इनमें से मिजोरम में कांग्रेस सत्ता में है जबकि अन्य 3 राज्यों में भाजपा के साथ उसका सीधा मुकाबला होगा लेकिन यह तभी होगा यदि केंद्र सरकार लोकसभा के आम चुनाव तय कार्यक्रम के साथ मार्च-अप्रैल, 2019 में करवाती है।
यदि केंद्र सरकार ने इन राज्यों के साथ लोकसभा के चुनाव भी करवा दिए तो चुनौती और बढ़ जाएगी ।