अब जबकि कांग्रेस में राहुल गांधी को मर्कज़ी हैसियत हासिल होगई है वहीं पार्टी अब गुजिश्ता दस साल के दौरान मनमोहन सिंह की क़ियादत में मआशी लिबरलायज़ीशन की पालिसी पर अमल पैरा रही और अब अवामी फ़लाह-ओ-बहबूद पर पार्टी ने तवज्जो शुरु करदी है और अब अपने मंशूर में पार्टी ने हैल्थ केअर और रोज़गार को नुमायां एहमियत देना शुरू कर दिया है।
सदर कांग्रेस सोनिया गांधी आज पार्टी का मंशूर जारी करनेवाली हैं जहां मुतअद्दिद कांग्रेस क़ाइदीन की मौजूदगी इस मौक़ा को एक यादगार मौक़ा बनादेगी, जहां वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह और राहुल गांधी भी मौजूद होंगे। कांग्रेस ने जो चंद अहम वादे किए हैं इन में बदउनवानियों का ख़ातमा, मिडल क्लास और ख़त-ए-ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी बसर करने वाले 70 करोड़ अफ़राद का बेहतर बनाना, ख्वातीन को बाइख़तियार बनाना और सियासत में उनके तनासुब में इज़ाफ़ा के इलावा ख़ानगी शोबों में मुसबत इक़दामात पार्टी के मंशूर में शामिल हैं।
अब जबकि ये देखा जा रहा है कि सरकारी शोबा में मुलाज़मतों के मौक़े कम होते जा रहे हैं, कांग्रेस नई मुलाज़मतों के मौक़े पैदा करने पर ज़ाइद तवज्जो देगी। कांग्रेस ये चाहती है कि मआशी सुधार के फ़ायदे मुल्क के आख़िरी आदमी तक भी पहुंचना चाहिए लेकिन होता ये है कि हुकूमत की किसी भी स्कीम का फ़ायदा सिर्फ़ गिने चुने लोगों को ही मिलता है और बाकी फंड्स दरमयानी अफ़राद खा जाते हैं।
कांग्रेस ने अपने मंशूर में अश्या-ए-ज़रुरीया की बढ़ती हुई क़ीमतों पर रोक लगाने पर तवज्जो दी है। एक तरफ़ ये मुतालिबा भी होरहा है कि ख्वातीन को पुलिस और अदलिया में 20 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात दिए जाएं। इस सिलसिला में महिला कांग्रेस जिस की क़ियादत पार्टी तर्जुमान शोभा औज़ा करती हैं, ने सिफ़ारिशात की एक याददाश्त का इदख़ाल भी किया है।
पार्टी ज़राए ने ये भी इशारा दिया है कि समाज के मुख़्तलिफ़ तबक़ात के लिए कांग्रेस का मंशूर भी मुख़्तलिफ़ नौईयत का होगा। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का बरसर-ए-इक्तदार आना भी इन वादों पर मुश्तमिल था जो कि इसने मुफ़्त पीने के पानी और सब्सीडी पर बर्क़ी सरबराही के लिए किया था।