रियासत की तक़सीम की सूरत में कांग्रेस के 30 अरकान असेंबली दीगर सयासी जमातों का रुख़ कर सकते हैं। इस बात का ख़ुद सदर प्रदेश कांग्रेस बोत्सा सत्य नारायना ने एतराफ़ करते हुए कहा कि पार्टी आला कमान का फैसला अपनी जगह लेकिन पार्टी के 30 अरकान असेंबली का फैसला अपना है।
उन्हों ने बताया कि एक रुक्न असेंबली की पार्टी से अलैहदगी भी पार्टी और तनज़ीमी उमूर को कमज़ोर कर सकती है और ये तंज़ीम के लिए बड़ा नुक़्सान साबित होगा। उन्हों ने इस बात का भी एतराफ़ किया कि कांग्रेस अरकान असेंबली और ज़िलई सतह के क़ाइदीन इस बात पर ग़ौरो ख़ौज़ कर रहे हैं और मुख़्तलिफ़ सयासी जमातों से राबिता क़ायम कर चुके हैं।
उन्हों ने मुख़ालिफ़ पार्टी सरगर्मियों में मुलव्विस क़ाइदीन को मुफ़ादात हासिला क़रार देते हुए कहा कि वो सिर्फ़ अवामी जज़बात से फ़ायदा उठाने के लिए इस तरह की कोशिशों में मसरूफ़ हैं जो कि मुफ़ाद परस्ती की सियासत के इलावा कुछ नहीं है।
सदर प्रदेश कांग्रेस ने गांधी भवन में मुनाक़िदा प्रेस कान्फ़्रैंस के दौरान इन ख़्यालात का इज़हार किया और कहा कि जो भी लोग पार्टी के ख़िलाफ़ दूसरी सयासी जमातों में जाने का मंसूबा रखते हैं उन की तमाम सरगर्मियों की तफ़सीलात पार्टी के पास मौजूद है।