कांग्रेस को अपोजिशन लीडर का ओहदा ना देने पर अड़ी सरकार, कोर्ट में भी देंगे जवाब

एक ओर जहां नृपेंद्र मिश्र की तकर्रूरी मामले पर भाजपा घ‍िरती नजर आ रही है वहीं अब अपोजिशन लीडर के मुद्दे पर मोदी हुकूमत और कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है|

सरकार कांग्रेस को ये ओहदा देने के मूड में बिल्कुल नहीं है| ज़राये के मुताबिक मोदी हुकूमत कांग्रेस को अपोजिशन लीडर का ओहदा ना देने पर अड़ गई है| हुकूमत ने तय कर लिया है कि अगर कांग्रेस इस मुद्दे को कोर्ट में लेकर जाती है तो वह वहां भी उसका जवाब देगी|

इससे पहले कांग्रेस सदर सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी को लोकसभा में अपोजिशन लीडर के ओहदा का हकदार बताया था | उन्होंने कहा था कि ऐवान में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस इस ओहदा की हकदार है | हम सबसे बड़ी अपोजिशन पार्टी हैं और हमने इलेक्शन से पहले इत्तेहाद किया था, इसलिए हमे लोकसभा में अपोजिशन लीडर का ओहदा पाने का हक|

लोकसभा में कांग्रेस के पास 44 मेम्बर हैं और यह ऐवान में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है| कांग्रेस के पास हालांकि, 545 रुकन लोकसभा में 10 फीसदी यानी 55 सीटें नहीं हैं, जिसे बीजेपी ने अपोजिशन लीडर के दर्जे के लिए नियम के मुताबिक बताया है|

अगर हुकूमत यह दर्जा देने से इनकार कर देगी तो वह क्या करेंगी? यह पूछे जाने पर सोनिया ने कहा था, देखते हैं. लेकिन ज़राये के मुताबित अपोजिशन लीडर के मुद्दे पर कांग्रेस कोर्ट जा सकती है | लेकिन अब मोदी सरकार भी कोर्ट में अपना फरीक रखने की तैयारी कर रही है| उसका कांग्रेस के दबाव में झुकने का इरादा नहीं|