कांग्रेस पार्टी का लखनऊ में आरबीआई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

 

शम्स तबरेज़, लखनऊ ब्यूरो।
लखनऊः नोटबंदी के सत्तर दिन होने के बाद़ आरबीआई के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने बुध के रोज आरबीआई दफतर का घेराव करने की तैयारी में थी। पूरे देश में आरबीआई के 33 ब्रांच है, जबकि उत्तर प्रदेश में कानपुर और लखनऊ ब्रांच है। नोटबंदी लागू करने के बाद पीएम मोदी ने जनता से पचास दिन मांगे थे। लेकिन हालात सत्तर दिन बाद भी तस की जस बनी हुई है। बुध के रोज़ सुबह से ही लखनऊ में टेन माल इवेन्यू स्थित उत्तर प्रदेश कांगेस कमेटी के दफतर पर काफी चहल-पहल नज़र आ रही थी। एक के बाद एक नेताओं के काफीले आते जा रहे थे। 12 बजते-बजते कांग्रेसी नेताओं का हुजूम पार्टी दफतर में इकट्ठा होने लगा। कुछ देर तक पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, शकील अहमद, संजय सिंह, जेपी अग्रवाल और दूसरे कांग्रेसी नेता लखनऊ की ठण्डी फिज़ा में धूप के मजे़ ले रहे थे। नोटबंदी के विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी मारूफ खान ने सियासत से बात करते हुए इस विरोध के मकसद पर रौशनी डाली।
इसके बाद एक-एक करके पार्टी नेताओं का संबोधनों का सिलसिला शुरू हो गया। कार्यकताओं को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने नोटबंदी के फैसले को आर्थिक इमरजेन्सी करार दिया और पीएम मोदी को दुनिया का चौथा तानाशाह कहा।
कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद ने केन्द्र सरकार और आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल पर आरबीआई की स्वायत्ता भंग करने का आरोप भी लगया इसके साथ ही शकील अहमद ने जमकर भड़ास निकाली। संबोधन के आखिर में प्रमोद तिवारी ने कार्यकताओं का मागदर्शन किया और पार्टी दफतर से बाहर आने के बाद चौराहे पर लगे राजीव गांधी की प्रतिमा माल्यापर्ण किया।
आखिरकार चुनाव आचार संहिता लागू होने कांग्रेस पार्टी ऐसा करने में कामयाब नहीं हो सकी। प्रशासन ने इस विरोध प्रदर्शन की इजाज़त नहीं दी और पूरा काफिला चौराहे से वापस लौट आया। नोटबंदी के 70 दिन बीत जाने के बाद कांग्रेस पार्टी इस विरोध के बदले उत्तर प्रदेश के चुनावी दंगल में जीत का रास्ता साफ करना चाहती है ताकी यूपी के गलियारी से होते हुए 2019 में दिल्ली की कुर्सी वापस हासिल किया जा सके। लखनऊ से कैमरा पर्सन फिराज़ अहमद के साथ शम्स तबरेज़ ब्योरो रिपोर्ट-सियासत