कांग्रेस बदउनवानीयों (करप्शन) और बे क़ाईदगियों में मुलव्विस (शामिल) अफ़राद को चीफ़ मिनिस्टर बना सकती है जिस का सबूत ग़ुलाम नबी आज़ाद के ब्यान से होता है । ग़ुलाम नबी आज़ाद ने गुज़शता यौम(दिन) जगन मोहन रेड्डी के कांग्रेस में रहने की सूरत में चीफ़ मिनिस्टर बनने की जो पेश क़ियासी (अनूमान)की थी इस पर शदीद रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए सदर तेलगूदेशम मिस्टर चंद्रा बाबू नायडू ने इन ख़्यालात का इज़हार किया ।
उन्हों ने कांग्रेस को मफ़ाद परस्तों की जमात क़रार देते हुए कहा कि अवाम (जनता) इस बात को महसूस करें कि ए आई सी सी क़ाइद वोट के लिए क्या कुछ कह रहे हैं । उन्हों ने बताया कि आज़ाद के ब्यान वाज़ेह हो गया कि कांग्रेस बदउनवानीयों (करप्शन) में मुलव्विस (शामिल) अफ़राद को भी चीफ़ मिनिस्टर बना सकती है ।
मिस्टर नायडू ने बताया कि कांग्रेस के सफाए के ज़रीया मुल़्क के अवाम (जनता) मुल़्क की सियासत को बदउनवानीयों (करप्शन)-ओ-बे क़ाईदगियों से पाक बना सकते हैं । उन्हों ने तेलगूदेशम क़ाइदीन के पार्टी से तर्क-ए-ताल्लुक़ पर कहा कि कोई भी तेलगूदेशम क़ाइद रियासत के मफ़ादात (फाइदा) को मद्द-ए-नज़र (जेहन मे)रखते हुए तर्क-ए-ताल्लुक़(छोड) नहीं कर रहा है बल्कि उन्हें अपने मफ़ादात (फाइदा) अज़ीज़ हैं ।
मिस्टर नायडू ने तमाम सयासी जमातों को इख़तिलाफ़ात से बालातर होते हुए बदउनवानीयों (करप्शन)-ओ-बे क़ाईदगियों के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद के लिए मुत्तहिद होने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया । उन्हों ने अनंत पुर इंतिख़ाबी मुहिम के दौरान गाली जनार्धन रेड्डी को तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि गाली जनार्धन रेड्डी किसी को भी रिश्वत दे सकते हैं । उन्हों ने ज़मानत हासिल करने मुंसिफ़ (जज)को रिश्वत देते हुए ज़मानत हासिल की ।
असासा जात (दौलत) वो वेंकटेश्वरा और सिरी कल्ला हस्ती में 45-45 करोड़ के अलहदा चढ़ावे चढ़ा चुके हैं। मिस्टर नायडू ने वाई ऐस आर कांग्रेस के हक़ में वोट के इस्तिमाल को बदउनवानीयों (करप्शन) की हिमायत क़रार दिया । उन्हों ने बताया कि बहुत जल्द के रामचंद्र रेड्डी भी जेल में होंगे ।
मिस्टर नायडू ने कांग्रेस और वाई ऐस आर कांग्रेस को धोका बाज़ क़रार देते हुए कहा कि अवामी एतिमाद से महरूम ये जमातें सस्ती शौहरत के ज़रीया वोट हासिल करना चाहती हैं तेलगूदेशम अवाम (जनता) से वादों को पूरा करने का रिकार्ड रखती है ।
अपने दौर में किए गए कामों से मुतमइन है । तेलगूदेशम के दौर में किए गए इक़दामात से अवाम (जनता) भी मुतमइन है और अवाम (जनता) ये जान चुके है कि रियासत की हक़ीक़ी तरक़्क़ी सिर्फ़ तेलगूदेशम के दौर-ए-हकूमत में ही मुम्किन है ।