सिविल कोर्ट अहाते में बुध को उस वक्त हंगामा हो गया, जब खादगढ़ा में बच्ची के साथ इस्मतरेज़ि के मुल्ज़िम गांधी उरांव को पेशी के लिए लाया गया। लोअर बाजार पुलिस जेएम मनोज कुमार शर्मा की अदालत में उसे पेश करने जा ही रही थी कि कई खातून तंज़िमों और भुइयांटोली के लोग बच्ची के अहले खाना के साथ अदालत अहाते में पहुंचे। अयनी शाहेदीन के मुताबिक, इस्मतरेज़ि करने वाले मुल्ज़िम को देखते ही भीड़ उस पर टूट पड़ी। पुलिस के सामने ही लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। पुलिस ने किसी तरह गांधी उरांव को बचाया और एसडीजेएम अदालत के रूम में बंद कर दिया। लोग उसे अपने हवाले करने की मुताल्बा कर रहे थे।
बाद में भीड़ अदालत के बरामदे में पहुंची और जिस कमरे में उसे बंद किया गया था, उस कमरे की खिड़की और दरवाजे को पीटने लगी। हंगामा देख वहां बड़ी तादाद में वकील और मुवक्किल जमा हो गये। गुस्साये लोग कह रहे थे कि हम उसे उसी तरह मारेंगे, जिस तरह उसने बच्ची की जान ली थी। ख़वातीन और पुलिस के दरमियान धक्का-मुक्की भी हुई। इसमें बच्ची के वालिद को भी हल्की चोट आयी। इत्तिला मिलने पर सिटी एसपी अनूप बिरथरे भी वहां पहुंचे। बाद में भीड़ को अदालत अहाते से बाहर किया गया। गौरतलब है कि 19 मार्च को कांटाटोली की भुइयांटोली के रहने वाली बच्ची के साथ इस्मतरेज़ि कर कत्ल कर दी गयी थी। 20 मार्च को सीएनआइ कब्रिस्तान से बच्ची की लाश बरामद हुआ था।
कई ख़वातीन तंजीम शामिल थे
हंगामा करने वालों में खातून समाख्या सोसाइटी, नारी शक्ति सेना, सखी सुरक्षा समेत भुइयां टोली के मर्द-औरत शामिल थे। वहां अंशु एक्का, सुनीता देवी, अनीता कुमारी, शाहदा खातून, अनिता कुमारी, सुधा देवी समेत दीगर ख़वातीन मुल्ज़िम को सौंपने की मुताल्बा कर रही थी।
मुल्ज़िम को अदालत ने जेल भेजा
इस्मतरेज़ि और कत्ल के मुल्ज़िम गांधी उरांव को अदालत में पेशी के बाद उसे अदालती हिरासत में जेल भेज दिया गया। भीड़ के हमले के बाद मुल्ज़िम की हालत खराब हो गयी थी। उसे पुलिस की कड़ी हिफाजत में जेल भेजा गया।