कानपूर: कानपूर रेल हादसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ बताने वाला मोती पासवान अपने बयान से पलट गया है. एनआईए की पूछताछ में मोती ने कबूला कि आईबी और मोतिहारी पुलिस के दबाव में उसने अपराध की स्वीकारोक्ति की थी. उसकी पुखरायां और रूरा में ब्लास्ट की थ्योरी पूरी तरह झूठी थी.
प्रदेश 18 के अनुसार, एनआईए मोती पासवान के बयानों की सिलसिलेवार लिंक ढूंढ़ रही थी. इसमें यूपी एटीएस से जो फीडबैक मिल रहे थे, उसमें उसकी बताई गई जगहों, बम लगाने के स्थान आदि की पुष्टि नहीं हो पा रही थी. इसी के बाद एनआईए ने मामले में कड़ाई से पूछताछ की, जिसके बाद मोती पासवान टूट गया.
इससे पहले आरोपी ने कानपुर रेल हादसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का कनेक्शन होने का खुलासा किया था. साथ ही उसने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया था. उसने बताया था कि कानपुर के बाद राजधानी दिल्ली और मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी सीरियल ब्लास्ट की साजिश रची गई थी.
कानपुर रेल हादसे से जुड़े हर पहलू की गहराई से तफ्तीश के लिए एनआईए, रॉ और आईबी की टीम बिहार के मोतिहारी पहुंच थी. केंद्रीय एजेंसियों ने मोतिहारी पुलिस की गिरफ्त में आए मोती पासवान से लंबी पूछताछ की थी.
उनसे मिली जानकारी को केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा किये जाने के बाद एनआईए, रॉ, रेलवे पुलिस और उत्तर प्रदेश एवं बिहार एटीएस की टीम भारत में बढ़ती रेल दुर्घटनाओं में आईएसआई की भूमिका का पता लगाने के लिए मोती पासवान, उमाशंकर पटेल और मुकेश यादव से पूछताछ करने पहुंचीं थी. एनआईए मोती पासवान के बयानों की सिलसिलेवार लिंक ढूंढ़ रही थी. एनआईए ने मामले में कड़ाई से पूछताछ की, जिसके बाद मोती पासवान टूट गया.