झाविमो सदर और एमपी बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि रियासत में मुक़ामी पॉलिसी को लेकर पॉलिसी बनाने की हिम्मत किसी में नहीं है। कोई मुक़ामी पॉलिसी लागू नहीं कर सकता। झाविमो की कियादत में हुकूमत बनी, तो मुक़ामी पॉलिसी बनाने का काम पूरा होगा। झामुमो और दूसरी पार्टियों के लोग हमसे पूछते हैं कि मुक़ामी पॉलिसी पर क्या राय है। मुक़ामी पॉलिसी हुकूमत को बनानी है, लेकिन उनको अपनी हुकूमत पर भरोसा नहीं है। लोगों को एतमाद नहीं है कि मुक़ामी पॉलिसी बनेगी। हुकूमत में शामिल लोग मुक़ामी पॉलिसी के लिए तहरीक कर रहे हैं।
मिस्टर मरांडी सनीचर को झाविमो नौजवान मोरचा की तरफ से खुसुसि रियासत की मांग को लेकर मुनक्कीद राजभवन मार्च से पहले मोरहाबादी में सभा को खिताब कर रहे थे। इस प्रोग्राम में रियासत भर से भारी तादाद में झाविमो कारकुनान जुटे और राजभवन मार्च किया। गवर्नर डॉ सैयद अहमद को सदर के नाम खुसुसि रियासत की मांग को लेकर एक लाख करारदाद खत सौंपे गये।
सभा में मिस्टर मरांडी ने कहा कि उन्होंने वजीरे आला रहते हुए मुक़ामी पॉलिसी को लागू किया था। कोई नयी पॉलिसी नहीं बनायी थी। बिहार सरकार के नियम को ही लागू किया था। पॉलिसी बनाने से पहले तमाम दलों की बैठक बुलायी थी। मिस्टर मरांडी ने हुकूमत के साथ-साथ कांग्रेस और भाजपा पर भी निशाना साधा।
मिस्टर मरांडी ने कहा कि नौजवान मोरचा के इस प्रोग्राम को नाकामयाब करने की साजिश रची गयी थी। हुकूमत में शामिल लोग सियासी अदाब और मजहब भूल गये हैं। हमारा प्रोग्राम 17 सितंबर को ही ऐलान हुआ था, लेकिन आज के दिन बंद बुलाया गया। हमारे कारकुनान ने हिम्मत और सब्र का सुबूत दिया। बंद कैसे बुलाया जाता है, हमें मालूम है।
पार्टी सदर ने कहा कि खुसुसि रियासत की मांग, रियासत की जरूरत बन गयी है। लोकसभा और विधानसभा इंतिखाबत में कारकुन कमर कसें। लोकसभा में हमारे एमपी जीत कर जायेंगे और खुसुसि रियासत की आवाज बुलंद करेंगे। अगर हुकूमत ने तब भी नहीं माना, तो हम झारखंड से खनिज बाहर नहीं जाने देंगे। खुसुसि रियासत की लड़ाई जारी रहेगी।
इससे पहले पार्टी एससेंबली रुक्न दल के लीडर प्रदीप यादव, सबा अहमद, झाविमो नौजवान मोरचा के सदर संतोष कुमार, एससेंबली रुक्न अरविंद सिंह, चंद्रिका महथा, अभय कुमार सिंह, केपी शर्मा, राजीव रंजन प्रसाद, निर्मला भारती, योगेंद्र प्रताप सिंह समेत कई क़ायेदीनों ने खिताब किया। प्रोग्राम में एससेंबली रुक्न सत्येंद्र नाथ तिवारी, अजय नाथ शाहदेव, विजय राम, शकुंतला जायसवाल, दुलाल भुइयां समेत कई लीडर शामिल हुए।