नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रालय फाइनेंस ने आज सरकारी क्षेत्र की बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई ताकि कर्ज़ की वसूली के प्रयासों की समीक्षा की जा सके। इन प्रयासों में किंगफिशर एयर लाईंस से कर्ज़ की वसूली के उपाय शामिल हैं। बैंकों ने उन तरीकों पर विचार किया जो अधिक गतिविधि के साथ ऐसे मामलों से निपट सकते हैं जो कर्ज़ लेने वालों में जानबूझ कर कर्ज का भुगतान नहीं किया है।
सरकारी बैंकों के ऐसे कर्ज़ वाक्यांश लायक दिसंबर 2015 की हत्या तक 3.61 लाख करोड़ रुपये थी जबकि घरेलू विभाग के नामों व्यापारियों ने 39859 करोड़ रुपये के कर्ज़ का भुगतान नहीं किया। इस तरह घरेलू बैंकों प्राप्त किए हुए एडवांस अनुपात 7.30 प्रतिशत हो गया, जबकि दिसंबर के अंत में यह 2.36 प्रतिशत थी।
घरेलू क्षेत्र के कर्ज का भुगतान करने से परहेज करने वालों की संख्या 76863 जो 66910 करोड़ रुपये बाकी हैं। 6816 मुकदमे दायर किए गए हैं और 1669 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।