केंद्रीय मंत्री ने किसान को ख़ुदकुशी के लिए उकसाया, और दूसरे किसान ने कर ली ख़ुदकुशी

राजस्थान। वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी भले ही मन की बात में किसानों के हित की बात करते रहें, लेकिन उनके एक वजीर ने एक किसान को ख़ुदकुशी के लिए उकसाया। उसके कुछ घंटे बाद ही एक अन्य किसान ने ख़ुदकुशी कर ली। मामला राजस्थान के टोंक जिले का है, जहां केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ.संजीव कुमार बालियान आए हुए थे और उन्होंने एक किसान को कह डाला था, जा कर ले ख़ुदकुशी।

असल में टोंक के मालपुरा में केंद्रीय भेड़ और ऊन रिसर्च संस्थान की तरफ से पीर को राष्ट्रीय भेड़ किसान मेले का आयोजन किया गया था। मेले का इफ्तिताह करने ही केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री बालियान आए थे। इसी दौरान एक किसान वजीर के पास पहुंचा और अपनी डिमांड करने लगा। वह मंत्री के सामने गिड़गिड़ाता रहा कि उसे फसल में भारी नुकसान हुआ है, पर मंत्री सुनने को तैयार नहीं थे। किसान की बात नहीं सुनी जा रही थी तो उसने ताव में बोला, मेरा कर्ज माफ कर दो नहीं तो मैं सुसाइड कर लूंगा, मेरी हालत बेहद खराब हो गई है।

वजीर बालियान भी गुस्से में आ गए। बोले, जा कर ले, जब कोई बात ही नहीं मान रहा। कुछ घंटों बाद ही दूसरे किसान ने कर ली ख़ुदकुशी वजीर ने एक किसान को ऐसा कहा और टोंक के ही बीजवाड़ गांव के दीगर किसान परमेश्वर गुर्जर (45) ने ख़ुदकुशी कर ली। ख़ुदकुशी करने वाला किसान भी भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान की तरफ से पीर को हुए राष्ट्रीय भेड़ किसान मेले के आयोजन में शामिल था। किसान के अहले खाना का कहना है कि गुजिश्ता दिनों ओलावृष्टि से उसकी फसल बर्बाद हो गई थी। वह कर्ज के बोझ में दब चुका था,इसलिए उसने अपनी ज़िन्दगी ख़त्म कर ली।

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उन्होंने इस बात की इमकान भी जताई कि वह वजीर के बयान के बाद पूरी तरह टूट गया होगा। हो सकता है उसने ऐसा फैसला मंत्री के बयान के बाद ही किया हो।

कांग्रेस लीडर और एसेम्बली में उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. रमेश मीणा ने इस घटना को गैर जिम्मेदाराना बताया है। मीणा का कहना है कि वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार किसानों के मुफाद में काम नहीं कर रही है। ऐसे में अब केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान की यह हरकत उनकी मंशा को सामने ला रही है। यह सरकार किसान विरोधी है। इनकी पॉलिसियों से देशभर में किसान ख़ुदकुशी को मजबूर हो रहे हैं।