नई दिल्ली। केरल के लव जिहाद केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह 24 साल की महिला है। उसे पिता कैसे अपने कंट्रोल में रख सकते हैं। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया।
केरल हाईकोर्ट ने 24 मई को महिला की शादी को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 9 अक्तूबर को होगी। केरल हाईकोर्ट ने अनुच्छेद 226 के तहत महिला की शादी को रद्द करते हुए उसे ‘लव जिहाद’ कहा था।
अनुच्छेद 226 केवल मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसके बाद शाहिन जहान नामक युवक ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर शीर्ष कोर्ट सुनवाई कर रहा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी.वाय. चंद्रचूड की बेंच ने मंगलवार को सुनाई के दौरान कहा कि वह दो पॉइंट पर सुनवाई करेंगे।
पहली कि क्या केरल हाईकोर्ट को अनुच्छेद 226 के तहत एक बालिग की शादी रद्द कर सकता है, दूसरा कि क्या एनआईए जांच की जरूरत है। सुनवाई के दौरान लड़की के पिता से कोर्ट ने कहा कि वह २४ साल की महिला है आप उस पर नियंत्रण नहीं रख सकते।
कोर्ट ने कहा कि वह महिला के लिए लोको माता-पिता नियुक्त कर सकते हैं, लेकिन पिता की मांग पर उन्हें 24 घंटे की निगरानी वाली कस्टडी नहीं दी जा सकती।