साबिक़ वज़ीर(मंत्री ) डाक्टर शंकर राव ने सरकारी आराज़ीयात (जमीन) और जी औज़ की इजराई में अहम रोल अदा करने वाले साबिक़ मुशीर(adviser) हुकूमत डाक्टर के वी पी राम चन्द्र राव की गिरफ़्तारी का मुतालिबा किया और सुप्रीम कोर्ट की नोटिस वसूल करने वाले सिर्फ एक पसमांदा तबक़ा के वज़ीर(मंत्री ) की गिरफ़्तारी और बाक़ी वुज़रा(मंत्री ) को आज़ाद छोड़ देने की वजह दरयाफ़त की।
आज अहाता असेंबली में मीडीया से बातचीत करते हुए उन्हों ने कहा कि रियासत में सरकारी आराज़ीयात (जमीन) की बेक़ाईदगियों के लिए डाक्टर राज शेखर रेड्डी के साथ साथ उन की हुकूमत के साबिक़ मुशीर(adviser) भी बराबर के ज़िम्मेदार हैं, क्यों कि राज शेखर रेड्डी के हर फ़ैसला में साबिक़ मुशीर(adviser) का अमल दख़ल था,लिहाज़ा तमाम मुआमलात की तहक़ीक़ात और हक़ायक़ को मंज़रे आम पर लाने के लिए डाक्टर के वी पी राम चन्द्र राव की गिरफ़्तारी ज़रूरी है।
जब उन से पूछताछ की जाएगी तो तमाम हक़ायक़ ख़ुद बख़ुद मंज़रे आम पर आजाऐं गे। उन्हों ने बताया कि रियासत के छःवुज़रा(मंत्री ) को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस दी है, जिन में से एक वज़ीर(मंत्री ) जेल में है, बाक़ी वुज़रा(मंत्री ) जेल से बाहर आज़ादाना ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं। इन को हुकूमत के मफ़ादात या पार्टी की नेकनामी मुतास्सिर(परभावित ) होने का ख़्याल नहीं है,
वो सिर्फ़ वज़ारती ओहदों से चिमटे रहने को तर्जीह दे रहे हैं, जिस से अवाम में हुकूमत और पार्टी के ख़िलाफ़ ग़लत फ़हमी पैदा हो रही है। उन्हों ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर बद उनवान वुज़रा(मंत्री ) से इस्तीफ़ा नहीं तलब कर रहे हैं, ना ही उन्हें काबीना से बरतरफ़ कर रहे हैं और जब उन्हों ने(करप्शन ) के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की तो उन्हें वज़ारत से बरतरफ़ करदिया गया।
इन छः वुज़रा(मंत्री ) में से सिर्फ एक वज़ीर(मंत्री ) ऐम वेंकट रमना (जिन का ताल्लुक़ पसमांदा तबक़ा से है) को गिरफ़्तार किया गया है। उन्हों ने बताया कि कांग्रेस में पाई जाने वाली ग़ैर यक़ीनी सूरत-ए-हाल से जहां कैडर में तशवीश पाई जाती है, वहीं कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी समझे जाने वाले पसमांदा तबक़ात और अक़ल्लीयतें कांग्रेस से दूर हो रही हैं।