टी आर एस के सरबराह के चंद्रशेखर राव जो चीफ़ मिनिस्टर के ओहदे पर फ़ाइज़ होने के बाद करीमनगर पहूंचे। इन का इस्तिक़बाल किया गया।
मुक़ामी ख़वातीन ने रिवायती बद कमां के साथ इन का ख़ौरमक़दम किया। टी आर एस क़ाइदीन और कारकुनों ने के सी आर ज़िंदाबाद के नारे लगाए।
मुक़ामी सिख बिरादरी के नुमाइंदों ने सिख वाड़ी चौराहा पर चीफ़ मिनिस्टर को तलवार पेश की। बादअज़ां चीफ़ मिनिस्टर को जलूस की शक्ल में जलसा-ए-गाह तक ले जाया गया। ताहम रास्ता में कांग्रेस की तलबा तंज़ीम एन एसयू आई ने वक़फे वक़फे से बर्क़ी सरबराही की मसदोदी पर के सी आर के ख़िलाफ़ एहतेजाजी मुज़ाहरा किया और घरेलू सारिफ़ीन के अलावा ज़रई सरगर्मीयों के लिए बिला वक़फ़ा बर्क़ी सरबराही को यक़ीनी बनाने का मुतालिबा किया।
उस वक़्त सूरत-ए-हाल बेक़ाबू होगई जब टी आर एस और एन एसयू आई के कारकुन एक दूसरे के ख़िलाफ़ होगए। लेकिन पुलिस ने बरवक़्त मुदाख़िलत करते हुए उन्हें मुंतशिर कर दिया।
चंद कारकुनों को हिरासत में लिया गया। चीफ़ मिनिस्टर ने करीमनगर मुंसिपल कारपोरेशन के दफ़्तर के अहाता में तामीराती काम के लिए संग-ए-बुनियाद रखा। उन्होंने शजरकारी की मुहिम में हिस्सा लेते हुए एक पौदा लगाया। बादअज़ां कलक्ट्रेट में ज़िला तरक़्क़ीयाती प्रोग्रामों का जायज़ा लिया।