कोचिंग आदरे अब भी बेलगाम, नया कानून नाकाम

पटना 10 मई : दो साल पहले तालिब इल्म तलेबात ने कोचिंग अदारों की मनमानी के खिलाफ जबर्दस्त तहरीक शुरू किया था। शहर में हिंसक वाकियात भी हुई थीं। रियासत हुकूमत ने तालिब इम्ल्म के मुफाद में कोचिंग एक्ट बनाया, लेकिन यह सिर्फ दिखावा साबित हुआ। तालिब इल्म का सबसे ज्यादा मुखालफत था कोचिंग अदारों में वसूली जा रही मोटी फीस को लेकर, लेकिन कोचिंग एक्ट इस अहम मौजु पर पूरी तरह ख़ामोशी। फीस को लेकर कोई बहस नहीं की गयी है। साथ ही कोचिंग एक्ट सिर्फ अदारों के रजिस्ट्रेशन तक सिमट कर रह गया।

जिला तालीम अफसर का कहना है कि रजिस्ट्रेशन न कराने वाले कोचिंग अदारों के खिलाफ कार्रवाई का कोई इन्तेजाम नहीं है। यही वज़ह है कि शहर में सैकड़ों कोचिंग आदरे बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं और तालिब इल्म का ज्यादती जारी है। इस दरमियान, दारुल हुकूमत में कोचिंग अदारों के जायजा की हेदायत दिया गया है।

जिला तालीम अफसर अरुण कुमार शर्मा का कहना है कि कोचिंग अदारों को एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराना लाज़मी कर दिया गया है। पिछले साल तकरीबन 180 कोचिंग अदारों का जायजा कराया गया। इस साल ज्यादा से ज्यादा कोचिंग अदारों का जायजा कर कोचिंग एक्ट लागू करने की कोशिश किया जा रहा है। मुख्तलिफ कोचिंग अदारों से जिला तालीम ऑफिस के पास रजिस्ट्रेशन के लिए दरख्वास्त आ रहे हैं। उनकी ताफ्सिश करने के बाद रजिस्ट्रेशन किया जायेगा।

मिस्टर शर्मा का कहना है कि कोचिंग अदारों के रजिस्ट्रेशन में बुनयादी तौर से तालीम इल्म-तालेबा को क्लास रूम में बैठने की इन्तेजाम, पानी और बैतूल खुला का इन्तेजाम पर जोर दिया जा रहा है।