अक्टूबर कोड्ंगल में पकवान गैस Indane Gas की शदीद क़िल्लत पाई जाती थी । मुतअद्दिद नुमाइंदगियों के बाद किसी क़दर सुधार आया है।
मगर मौजूदा तौर पर गैस सलिंडरस की सरबराही में बेक़ाइदगी पाई जाती है । बुक करवाने के एक माह बाद तक भी सलिंडर की अदम दस्तयाबी से सारफ़न को दुशवार कुन मरहले से गुज़रना पड़ता है।
हलक़ा असेंबली कोड्ंगल पाँच मंडलों कोड्ंगल कोसगी , मुदव्वर , दौलतआबाद और बम्र्सपेट पर मुश्तमिल है। गैस एजंसी कोसगी में क़ायम है जहां से तमाम मंडलों को गैस सरबराह की जाती है।
जबकि हलक़ा असेंबली का मुस्तक़र मुक़ाम कोड्ंगल है जो तमाम मंडलों के मर्कज़ी मुक़ाम के तैर पर माना जाता है। एक अरसा दराज़ से ताल्लुक़ा का मुस्तक़र भी रहा है।
हर मंडल के लोगों की आमद-ओ-रफ़त के लिए सहूलत बख़श है। कोड्ंगल में ज़ाइद अज़ 700 गैस कनेक्शन हैं। आस् पास देहातों से आकर कोड्ंगल में सुकूनत पज़ीर लोग भी बड़े पैमाने पर गैस का इस्तेमाल करते हैं।
बुक करवाने के एक माह बाद भी सरबराही में बेक़ाइदगी का ये आलम है कि एजंसी इंतेज़ामीया कोसगी से ज़रीया ऑटो ट्राली 70 ता 80 गैस सलेंडरस कोड्ंगल के लिए भिजवाए जाते हैं जिस के हमराह दो तीन वर्करज़ रहते हैं ।
ये लोग गैस सलिंडरस से भरी हुई ऑटो ट्राली लिए हुए आबादी में किसी एक चौराहे पर बिराजमान होजाते हैं । लोग ख़ाली सलिंडरस लिए हुए दीवाना वार मोटर साइकिलों , साईकलों और पैदल कंधों पर लिए हुए ऑटो ट्राली के पास पहूँचते हैं। ज़ईफ़ , नजेफ़-ओ-ना तावान और ख़वातीन हज़रात को सख़्त मुश्किलात का सामना करना पड़ता है।
साबिक़ा एजेंसी इंतेज़ामीया के वर्करज़ की तरफ से होम डिलीवरी करते हुए सारफ़ीन को सहूलत पहोनचाई जाती थी। इन ना मुसाइद हालात के तनाज़ुर में हर मंडल में एक ब्रांच का क़ियाम नागुज़ीर है।