कोयला ब्लॉक्स अलाटमैंट पर सी ए जी रिपोर्ट गुमराह कुन-ओ-ग़लत

कोयला ब्लॉक्स अलाटमैंट मसला पर कोई मदाफ़अती मौक़िफ़ इख़तियार करने से गुरेज़ करते हुए वज़ीर आज़म डाक्टर ममनमोहन सिंह ने कमपटरोलर एंड आडीटर जनरल ( सी ए जी ) की रिपोर्ट को गुमराह कुण और गलतियों पर मबनी (आधारित) क़रार दिया ।

उन्हों ने मससबिकती बोलियों की पॉलीसी राइज करने हुकूमत की कोशिशों को रुकावट का शिकार करने का अपोज़ीशन पर भी इल्ज़ाम आइद क्या । इस मसला पर पार्ल्यमंट के दोनों ऐवानों में मुशतर्का बयान देते हुए और पार्ल्यमंट के बाहर इज़हार ख़्याल करते हुए उन्हों ने कोयला वज़ारत (मंत्रालय)की जानिब से किए गए फैसलों की मुकम्मल ज़िम्मेदारी क़बूल की ।

डाक्टर सिंह जब कोयला की वज़ारत (मंत्रालय) सँभालते थे उसी वक़्त ये ब्लॉक्स अलॉट किए गए थे । उन्हों ने कहा कि वज़ारत (मंत्रालय)के फैसलों में बदउनवानीयों (करप्शन ) और नामुनासिब फैसलों के इल्ज़ामात बे बुनियाद हैं और उन में कोई सच्चाई नहीं है ।

पार्ल्यमंट की कार्रवाई में मुसलसल ख़लल पैदा करने पर उन्हों ने बी जे पी को निशाना बनाया और उसे चैलेंज किया कि वो इस मसला पर इवान में मुबाहिस की इजाज़त दे और मुल्क को ये फैसला करने दिया जाय कि हक़ीक़त किया है । उन्हों ने ये ऐलान भी किया कि हुकूमत का मौक़िफ़ मुस्तहकम है।

डाक्टर सिंह ने कहा कि सी ए जी ने जो रिपोर्ट जारी की है वो एलानिया तौर पर नाक़ाबिल-ए-क़बूल है । पार्ल्यमंट के दोनों ऐवानों में वज़ीर आज़म जब बयान देने के लिए उठे बी जे पी ने उन के इस्तीफ़े का मुतालिबा क्या ।

इस के नतीजा में उन्हों ने अपने चार सफ़हात पर मुश्तमिल बयान के कुछ हिस्से पढ़ कर सुनाए बाद में ये बयान इवान में पेश कर दिया गया । उन्हों ने कहा कि कोयला ब्लॉक्स ख़ानगी कंपनियों को पहले से तए शूदा मक़ासिद के लिए अलॉट किए जाते हैं ।

इस इक़दाम को कोल इंडिया लिमेटेड की मुक़र्ररा कीमत से मरबूत करना दरुस्त नहीं है । बी जे पी के इस्तीफ़ा के मुतालिबा का जवाब देते हुए उन्हों ने कहा कि कोयला ब्लॉक्स के बगैर मससबिकती बोली तलब किए अलाटमैंट की पॉलीसी 1993 से राइज है और साबिक़ा हुकूमत ने भी इस अंदाज़ से कोयला ब्लॉक्स अलॉट किए थे जिस की सी ए जी की जानिब से मुज़म्मत की गई थी ।

उन्हों ने कहा कि कोयला के ज़ख़ाइर रखने वाली रियासतें जैसे मग़रिबी बंगाल छत्तीसगढ़ झारखंड उड़ीसा और राजिस्थान में अपोज़ीशन जमातों की हुकूमतें भी थीं और उन्हों ने मससबिकती बोलियों का अमल राइज करने की शदीद मुख़ालिफ़त की थी ।

कोल माईनस नेशनलाईज़ेशन ( तरमीमी ) बिल 2000 पेश करने में ताख़ीर(लेट) के इल्ज़ाम का जवाब देते हुए उन्हों ने कहा कि ये बिल एक तवील वक़्त से पार्ल्यमंट में ज़ेर इलतिवा है ।

मुताल्लिक़ा फ़रीक़ैन इस पर इख़तिलाफ़ रखते हैं और हुकूमत चाहती है कि इस पर वसीअ तर मुशावरत और इत्तिफ़ाक़ राय हो सके । उन्हों ने कहा कि इस वक़्त छत्तीसगढ़ के चीफ मिनिस्टर रमन सिंह मग़रिबी बंगाल और ओडीशा की हुकूमतों ने भी इस तजवीज़ की मुख़ालिफ़त की थी ।

उन्हों ने कहा कि इत्तिफ़ाक़ राय पैदा होने तक कोयला ब्लॉक्स अलाटमैंट का अमल रोका नहीं जा सकता था कियों के इस से जुमला घरेलू पैदावार मुतास्सिर हो सकती है । उन्हों ने कहा कि अफ़सोस की बात ये है कि सी ए जी ने इन उमूर का जायज़ा नहीं लिया है ।

उन्हों ने कहा कि जिन ख़ानगी यूनिटों ने कोयला पैदावार शुरू करने हिदायात को पूरा नहीं किया है उन के अलाटमैंट को मंसूख़(रद्द) करने के लिए भी इक़दामात किए जा रहे हैं। उन्हों ने कहा कि हुकूमत इस सारे अमल में हमेशा ही शफ़्फ़ाफ़ियत रखने की ख़ाहां रखी है ।