रांची/रामगढ़ : झारखंड के रामगढ़ जिला वाक़े कुजू में सीसीएल की खुली खदान में पीर से लगी आग पर बुध को भी काबू नहीं पाया जा सका है। इससे करीब 16 करोड़ रुपए का 45 हजार मीट्रिक टन काेयला राख हाेने की इमकान है। सैकड़ों फीट ऊंची लपटें उठ रहीं हैं। इससे यह इमकान ज़ाहिर की जा रही है कि इलाके में कार्बन डाईऑक्साइड की मिकदार बढ़ सकती है।
आलूद कंट्रोल बोर्ड के हजारीबाग के मुकामी ओहदेदार रवींद्र प्रसाद ने कहा कि आग से माहौल में कार्बन डाईऑक्साइड की मिकदार बढ़ जाएगी। यह इन्सारी ज़िन्दगी के लिए काफी खतरनाक होगा। हवा में फैल रहे इस पोलुशन पर जल्दी ही काबू नहीं पाया गया तो लोगों को नुकसान पहुंच सकता है।
आग पर जल्दी ही काबू नहीं पाया गया तो यहां से करीब 500 मीटर दूर वाक़े रांची-पटना एनएच 33, कुजू कोलियरी की अंडर ग्राउंड खदान और इसके आसपास के इलाके में आग की चपेट में आ सकते हैं। इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। आग लगने की खबर मिलते ही सीसीएल के अफसर मौके पर पहुंचे और राहत काम में जुट गए। माइंस इंचार्ज देशराज मीना ने कहा कि जल्दी ही आग पर काबू पा लिया जाएगा। यहां से फिर जल्द ही प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। रामगढ़ एसडीओ संगीता लाल ने मंगल को जाए हादसा का जायजा किया और मामले की जानकारी ली। जीएम एके चौबे ने कहा कि आग पर काबू पाने के लिए उसमें मिट्टी भरना ही एक वाहिद उपाय है। मगर जंगल महकमा से इसके लिए क्लीयरेंस नहीं मिला है। इससे आग बुझाने में परेशानी हो रही है।
झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के मुकामी सेक्रेटरी रामचंद्र वर्मा ने कहा कि खदान से तीन दिन से धुआं निकल रहा था। लेकिन इंतेजामिया और आउटसोर्सिंग कंपनी ने इस तरफ ज़ेहन नहीं दिया। और आग भड़क गई जिससे करोड़ों रुपए का कोयला जलकर राख हो गया।