पटना 3 मई : इसी साल तीन मार्च को बनी कौमी जम्हूरियत समता पाटी में जुमेरात को बाकायदा दरार पड़ गई। साबिक़ रुकन असेंबली और इस पार्टी के बनियों में से एक सतीश कुमार ने खुद को अलग कर लिया। उनकी कयादत में बिहार तरक्की मोर्चा की तशकील की गई है। कुमार ने कहा कि दो महीने के अन्दर तमाम अज़ला में मोर्चा के कारकुन अजलास होगा। जिला यूनिटें कायम की जाएंगी। इसके बाद मोर्चा को सियासी पार्टी का के तौर दिया जाएगा। उन्होंने जम्हूरियत समता पार्टी के लीडरों पर आमरियत रवैया अपनाने का इलज़ाम लगाया।
उन्होंने कहा कि जिस नियत से अवाम ने नीतीश कुमार को अक्सरियत दिया था, वह पूरा नहीं हो पाया। रियासत में इस वक़्त, खौफ, भूख और बदउन्वानी का माहौल कायम है। अकलियतों के फलाह के लिए आई रकम दूसरे मदों में खर्च हो रही है। उनके मुताबिक जुमेरात की अजलास में पांच सौ से अधिक कारकुन शरीक हुए। इस दौरान कारकुनों ने रालोसपा से इस्तीफा देकर सूबे को एक नया एख्तियारत देने का दावा करते हुए बिहार तरक्की मोर्चा की बुन्याद रखी। अजलास में सतीश कुमार को इत्तेफाक राय से कन्वेनर बनाया गया। 31 रुकन मुहीम कमेटी की तशकील किया गया। इसके कन्वेनर प्रो. रामबली चंद्रवंशी बनाए गए। संजय कुशवाहा को तर्जुमान और रविरंजन पटेल को मीडिया इंचार्ज की जिम्मेवारी दी गई।