क्या यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और अन्य विद्रोही बीजेपी नेता चुनाव लड़ेंगे?

आम चुनाव के इस मौसम में सबकी नजरें बीजेपी के चार बागी नेताओं – शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी पर खासतौर पर टिकी हैं, जिन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, मगर अपने अगले कदम के बारे में पत्ते नहीं खोले हैं। अब जबकि लोकसभा चुनाव करीब हैं, इनके लिए किसी एक पक्ष के साथ खड़े होने का वक्त आ गया है।

यशवंत सिन्हा

बीजेपी के सीनियर नेता और अटल सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा हाल के दिनों में मोदी सरकार के सबसे कट्टर आलोचक रहे हैं। वह भी तब जबकि उनके बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में मंत्रिपद पर हैं।

आम चुनाव करीब आने के बाद उनके अगले कदम के बारे में तमाम तरह की चर्चाए हैं लेकिन उनके करीबियों के अनुसार अब उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद कम है। विपक्ष का कोई दल उन्हें राज्यसभा भेज सकता है। उन्होंने विपक्षी गठबंधन को हर तरह से मदद देने के पर्याप्त संकेत दिए हैं, लेकिन आम चुनाव से पहले उनके किसी दल में जाने की संभावना कम ही है।

शत्रुघ्न सिन्हा

बॉलिवुड के यह लोकप्रिय नायक बिहार की पटना सिटी सीट से लोकसभा सांसद हैं। शत्रुघ्न सिन्हा 2014 में चुनाव जीतने के एक साल बाद से ही बागी हो गए थे। वह लगातार बीजेपी के विरोध में बयान दे रहे हैं। हालांकि अभी तक न तो उन्होंने पार्टी से त्यागपत्र दिया है, न ही उन्हें पार्टी ने निकाला है। हालांकि 19 जनवरी को हुई ममता बनर्जी की रैली में मंच पर दिखने के बाद बीजेपी ने संकेत दिया था कि अब उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। शत्रुघ्न ने पत्ते बेशक न खोले हों मगर चर्चा है कि वह कांग्रेस के संपर्क में हैं और अपनी पुरानी सीट से ही महागठबंधन के उम्मीद बन सकते हैं। हालांकि कुछ दिन पहले उनके आम आदमी पार्टी से ही दिल्ली की किसी सीट पर चुनाव लड़ने की खबरें आई थीं लेकिन अब उनके कांग्रेस टिकट से चुनाव लड़ने के आसार अधिक हैं।

कीर्ति आजाद

बीजेपी से निष्कासित सांसद भी अब तक अपनी दिशा तय नहीं कर पाए हैं। सूत्रों के अनुसार वे पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस नेतृत्व से लगातार संपर्क हैं। उनकी मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी हो चुकी है। हालांकि अभी भी वह बीजेपी के हिस्सा हैं, लेकिन उनके बिहार के दरभंगा लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा है। सूत्रों के अनुसार पटना में 3 फरवरी को राहुल गांधी की रैली में कीर्ति कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। वैसे कीर्ति 2014 में सांसद बनने के कुछ दिनों बाद ही बागी हो गए थे। अरुण जेटली पर उन्होंने कई गंभीर आरोप भी लगाए थे।

अरुण शौरी 

शौरी उन शुरुआती नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने 2010 में ही मोदी को बतौर पीएम प्रॉजेक्ट कर दिया था, आज वह उनके सबसे बड़े आलोचक हैं। कई महीनों से वह विपक्ष के नेताओं के साथ मंच साझा कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार वह एक गैर कांग्रेसी क्षेत्रीय नेता के भी संपर्क में हैं और उनके कोटे से राज्यसभा जा सकते हैं।
(साभार: नवभारत टाइम्स)