ख़तरनाक मुजरिम अरूण गव‌ली के फ़र्ज़ंद की शादी

नागपुर

मुजरिमों के सरग़ना से सियासतदान बन जाने वाले अरूण गव‌ली जिन्हें गुज़िशता हफ़्ते अपने फ़र्ज़ंद की शादी में शिरकत के लिये पैरोल पर रिहाई से मुताल्लिक़ा हुक्काम ने इनकार करदिया था। अब वो राहत हासिल करने के लिये मुंबई हाईकोर्ट से रुजू हुए हैं। साबिक़ रुकन असेम्बली को एक क़तल केस में उम्र कैद की सज़ा हुई है।

मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर बेंच पर एक अर्ज़ी दाख़िल की है ताकि 9 मई को मुंबई में अपने फ़र्ज़ंद महेश की तक़रीब शादी में शिरकत के लिये पैरोल पर रिहाई की इजाज़त हासिल की जा सके। अरूण गव‌ली फ़िलहाल नागपुर सैंटर्ल जेल में मुक़य्यद हैं। उन्हें शिवसेना रुकन असेम्बली कमलाकर जमसेनद करके क़तल केस में मुंबई में एक सेशन कोर्ट ने 3 अगस्त 2012 को दीगर 11 मुल्ज़िमीन के साथ उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी।

महाराष्ट्रा के क़ानून इंसिदाद मुनज़्ज़म जराइम की ख़ुसूसी अदालत के जज पृथ्वी राज चौहान ने सज़ाए कैद के साथ 17 लाख रुपये जुर्माना भी आइद किया था और जुर्माना अदा ना करने में मज़ीद 3 साल जेल की सज़ा-ए-भुगतनी पड़ेगी। गुज़िशता हफ़्ता गव‌ली ने डीविझ़नल कमिशनर नागपुर अनूप कुमार से ये दरख़ास्त की थी कि अपने फ़र्ज़ंद की शादी में शिरकत के लिये पैरोल पर रिहा किया जाये लेकिन पोलीस कमिशनर ने इस बुनियाद पर उनकी दरख़ास्त मुस्तरद करदी थी कि अगर उन्हें रिहा करदिया गया तो एक और जुर्म का इर्तिकाब और समाज को नुक़्सान पहुंचा सकते हैं।

जिस के बाद अरूण गव‌ली अपने वुकला रजन्श व्यास और मीर नोमान अली के ज़रिए अदालत से रुजू हुए हैं।