हिंदूस्तानी मुआशरा में ख्वातीन को काफ़ी अहमियत दी जाती है । जिस के नतीजा में ज़िंदगी के हर फील्ड में ख्वातीन मर्दों के शाना बशाना दिखाई दे रही हैं । पायलट से लेकर ख़ातून आटो ड्राईवरस भी हमें नज़र आएंगी हद तो ये है कि ख्वातीन रक्षे खींचते हुए भी दिखाई देती हैं ।
तालीमी सयासी इक़तिसादी खेल कूद ग़रज़ हर फील्ड में ख्वातीन नुमायां कारकर्दगी अंजाम दे रही हैं । ऐसा लगता है कि ख्वातीन को बा इख़तियार बनाने के इक़दामात के मुसबत नताइज बरामद हो रहे हैं ।
हैदराबाद में ऐसी ख्वातीन की कमी नहीं जो तरक़्क़ी की राह पर मर्दों के साथ शाना बशाना चल रही हैं । हर महिकमा में आप को ख्वातीन नज़र आएंगी । इस सिलसिला में आंधरा प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन ( ए पी एस आर टी सी ) का रेकॉर्ड भी अच्छा रहा है ।
इस महिकमा में ख़ातून मुलाज़मीन की ख़ासी तादाद बरसर-ए-कार है जिस में लेडी कंडक्टर्स भी शामिल हैं । बाअज़ मर्तबा मर्द मुसाफ़रीन ग़लत रवैय्या अहतयार करते हैं । कंडक्टर्स ने बताया कि कॉलिज तलबा (स्टुडेंट्स ) से निमटना बहुत बड़ा काम होता है ।
इस लिये कि अक्सर तलबा (स्टुडेंट्स ) फ़ुट बोर्ड पर लटकते हुए सफ़र करना चाहते हैं लाख समझाने के बावजूद अपनी रविष तब्दील नहीं करते । बाअज़ मर्तबा दूसरों के बस पासेस पर अपनी तसावीर चस्पाँ कर लेते हैं जहां तक सफ़र में लापरवाही का सवाल है फुट बोर्ड पर ठहर कर सफ़र करना नौजवान की ज़िन्दगियों के लिए ख़तरनाक है चूँकि हम भी माएं हैं इस लिये उन्हें ऐसा करने से मना करती हैं लेकिन नौजवान उल्टा उलझ पड़ते हैं ।
इन कंडक्टर्स के मुताबिक़ हामिला ख्वातीन को हमल ठहरने के सातवें माह से 6 माह की ख़ुसूसी रुख़स्त दी जाती है जो अच्छी बात है ताहम उन लोगों का मुतालिबा है कि 12 साल सर्विस होने पर उन्हें दफ़्तरी काम तफ़वीज़ (मोहैया) किया जाय क्यों कि कमज़ोरी के बाइस (वजह से) मुसलसल 8 घंटे ड्यूटी अंजाम देना बहुत मुश्किल हो जाता है ।
लेडी कंडक्टर्स का ये मुतालिबा है कि जिस तरह ख्वातीन को 33 फीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम किए जाते हैं इसी तरह तरक्कियों के मुआमला में भी उन्हें तहफ़्फुज़ात फ़राहम किए जाएं ।
इन कंडक्टर्स ने ए के ख़ां की सताइश करते हुए कहा कि एम डी-ओ-नायब सदर नशीन आर टी सी की हैसियत से वो नुमायां ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं उम्मीद है कि ख़ातून कंडक्टर्स के मुतालिबात पर हमदर्दी से ग़ौर करेंगे । आर टी सी मुलाज़मीन को मेडीकल सहूलतों से मुताल्लिक़ सवाल पर उन लोगों ने बताया कि तारनाका हॉस्पिटल में इन मुलाज़मीन का ईलाज किया जाता है ।
इसके इलावा निम्स -ओ-दीगर (दूसरे) ख़ानगी (प्राइवेट ) दवाख़ानों में ईलाज की सहूलतें फ़राहम करने कारपोरेशन तय्यार है । एक ख़ातून कंडक्टर्स ने मज़ीद बताया कि कंडक्टर के ओहदा के लिए एस एस सी कामयाब होना ज़रूरी है।
तेलंगाना मसला पर फैसले का चंद्रा बाबू नायडू को इख़तियार
तेलगू देशम के आंधरा और राइलसीमा क़ाइदीन ने आज तेलंगाना मसला पर सदर तेलगू देशम मिस्टर चंद्रा बाबू के साथ इजलास में अपने इलाक़ा और अवाम की राय पेश करके फैसला का इख़तियार मिस्टर नायडू को दिया ।
मर्कज़ी (केन्द्रीय) हुकूमत को तेलंगाना मसला पर जारी तात्तुल को खत्म करने तेलगू देशम मकतूब रवाना करने के मुताल्लिक़ ग़ौर-ओ-ख़ौस का आग़ाज़ कर चुकी है और आंधरा-ओ-राइलसीमा क़ाइदीन से मुज़ाकरात (बात-चीत) मुकम्मल कर लिए गए ।
बताया जाता है कि मिस्टर नायडू ने आज राइलसीमा और आंधरा क़ाइदीन के हमराह मकतूब की रवानगी के मौज़ू पर तबादला ख़्याल किया और उन क़ाइदीन ने रियासत की तक़सीम के मुआमला में फैसला का इख़तियार सदर पार्टी के हवाले करके एलान किया कि वो इस सिलसिला में जो फैसला करेंगे वो सब के लिए काबिल-ए-क़बूल होगा ।
बताया जाता है कि अवामी रुजहान और सयासी तब्दीलियों को पेश नज़र रखते हुए मिस्टर इन चंद्रा बाबू नायडू क़तई फैसला करेंगे और मर्कज़ी (केन्द्रीय) वज़ारत-ए-दाख़िला को तेलगू देशम पार्टी की जानिब से मकतूब रवाना करते हुए रियासत की तक़सीम के तात्तुल को खत्म करने की कोशिश करेंगे ।