राजस्थान में दो ख्वातीन के काज़ी बन्ने के दावे पर उलेमाओ का कहना है इस्लाम में खातून काजी नही बन सकती है
राजस्थान सूबे के काजी खालिद उसमानी ने कहा ” कुरान साफ़ साफ़ कहता है मर्द की हाकिम औरत नही हो सकती है इसलिये ख्वातीन क़ाज़ी नही हो सकती है उन्होंने ये भी कहा इस्लामिक तारीख में औरत के काज़ी होने के कोई साबुत नही है पैगम्बर की लड़की फातिमा जो मुस्लिम के नज़ीर है वो भी काज़ी नही थी ”
आल इंडिया पर्सनल ला बोर्ड के रुकून मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इस मामले पे अपनी राय देते हुये कहा “ज्यादा से ज्यादा औरत मर्द क़ाज़ी को निकाह में मदद कर सकती है लेकिन वो भी पुरे निकाह के लिए अकेले काज़ी नही बन सकती है इस्लाम औरत को काज़ी बनने की इज़ाज़त नही देता है ”
जयपुर की रहने वाली अफरोज बेगम और जहाँ आरा ने दावा किया था वो राजस्थान की पहली खातून काजी है और उन्होंने इसके लिये दारुल उलूम निसवा से तालीम हासिल की है उनके अनुसार वो तलाक और निकाह में इस्लामिक राय दे सकती है