खामिनाई की शाम में फ़ौजी मुदाख़िलत की हिमायत

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामिनाई ने शाम में फ़ौजी मुदाख़िलत की हिमायत करते हुए बशारुल असद के दिफ़ा में लड़ते हुए अपनी जानें क़ुर्बान करने वाले पासदाराने इन्क़िलाब के अफ़िसरों और सिपाहीयों को ख़िराजे अक़ीदत पेश किया है।

ख़बररसां एजेंसी के मुताबिक़ सुप्रीम लीडर ने इन ख़्यालात का इज़हार शाम में मारे जाने वाले फ़ौजीयों और दूसरे जंगजूओं के अहले ख़ाना से मुलाक़ात के दौरान किया। ख़्याल रहे कि ईरान में शाम में लड़ाई में हिस्सा लेने वालों को मुदाफ़ईन हर्म अहल-ए-बैत की इस्तिलाह से पुकारा जाता है।

इस मौक़ा पर खामिनाई का कहना था कि शाम में हमारे बहादुर सिपाहीयों और अफ़िसरों ने अपनी जानों के नज़राने पेश किए ताकि वहां का दुश्मन हमारे मुल्क में ना पहुंच पाए।

अगर हमारे ये सपूत शाम जा कर ना लड़ते तो हमें दुश्मन का मुक़ाबला ईरानी शहरों किरमान शाह, हमदान और दूसरे इलाक़ों में करना पड़ता।

ख़्याल रहे कि शाम में बशारुल असद के दिफ़ा में दाद-ए-शुजाअत देते हुए हलाक होने वाले ईरानी फ़ौजीयों की तादाद 700 बताई जाती है जब कि ग़ैर सरकारी जंगजू उस के इलावा हैं।