मुल्क की अबतर मआशी सूरत-ए-हाल, प्याज़ की बढ़ती क़ीमतें या फिर समाज में करप्शन की लानत इन चंद वजूहात में एक हो सकती हैं, जिस की वजह से हिंदुस्तानी शहरियों में ख़ुशहाली के आसार कम दिखाई देते हैं।
अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की ख़ुशहाली के ताल्लुक़ से शाये एक रिपोर्ट में ये इन्किशाफ़ हुआ कि हिंदुस्तान 111 वें मुक़ाम पर है और वो इस मुआमले में पाकिस्तान 81 और बंगला देश 108 से भी पीछे है।
इस रिपोर्ट में अमरीका को 17 वां मुक़ाम दिया गया है। डेनमार्क को सर-ए-फ़ेहरिस्त मुक़ाम हासिल है जबकि नीदरलैंड दूसरे नंबर पर है।