उग्रवादी तंजीम पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) खूंटी के हर इलाक़े पर कब्जा चाहता है। इसके लिए वह मुसलसल मुखालिफ मुजरिम और नक्सली दस्तों के मेंबरों को खत्म कर रहा है।
जयनाथ साहू गिरोह को तकरीबन खत्म करने के बाद पीएलएफआइ ने भाकपा माओवादी को भी खूंटी छोड़ने को मजबूर कर दिया है। पुलिस पीएलएफआइ के छोटे उग्रवादियों को गिरफ्तार कर बड़ी कामयाबी की बात करती है, लेकिन तंजीम मुसलसल मजबूत हो रहा है। जानकारी के मुताबिक खूंटी के अड़की थाना इलाका के वीरबांकी इलाके में भाकपा माओवादी का एक दस्ता था।
गुजिशता दिनों पीएलएफआइ के उग्रवादियों की कार्रवाई की वजह यह दस्ता अब वीरबांकी छोड़ चुका है। माओवादियों के लिए काम करनेवाले दो लोगों की कत्ल हाल में पीएलएफआइ ने कर दी थी। इसके बाद यह इलाका भी पूरी तरह से पीएलएफआइ के कब्जे में है। वीरबांकी इलाके से लेवी की जो रकम अब तक भाकपा माओवादी के नक्सली वसूलते थे, उस पर अब पीएलएफआइ का कब्जा हो गया है। इधर, खूंटी में तंजीम के बढ़ते असर की वजह पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। पुलिस ने उग्रवादियों के खिलाफ मुहिम तेज कर दिया है।
कुंदन ने बनाया अलग दस्ता
खबर है कि भाकपा माओवादी तंजीम से निकाले जाने के बाद कुंदन पाहन ने अपना अलग दस्ता बना लिया है। उसके साथ साबिक़ माओवादी डिंबा पाहन भी है। पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि कुंदन के दस्ते ने ही गुजिशता चार जून को खूंटी के जोजोहातू में खूंटी के जोजोहातू में दुबराज मानकी, नागी मानकी और सूर्या मुंडा की गोली मार कर कत्ल कर दी थी। ज़राये के मुताबिक दुबराज मानकी को भाकपा माओवादी तंजीम में जोनल कमांडर का ओहदा मिलनेवाला था, इसी वजह से कुंदन ने उसकी कत्ल कर दी।