भारी बे काईदगियों की वजह रियासत ड्रग कंट्रोल ने रियासत के आठ ब्लड बैंकों पर पाबंदी आईद कर दिया है। जबकि, इनमें सात का ऑपरेशन खुद रियासत हुकूमत ही कर रही है। इन ब्लड बैंकों को साफतौर पर कहा गया है कि अब न ये खून का जखीरा कर सकते है और न ही स्टोर या तक़सीम। इनमें रांची के एचईसी हॉस्पिटल और रिंची ट्रस्ट हॉस्पिटल शामिल हैं।
इतना ही नहीं, करीब आधा दर्जन ब्लड बैंकों का हालात तसल्ली बख्स न होने की वजह से सख्त वार्निंग दी गई है कि वे क़ानूनों के मुताबिक जल्द से जल्द सब ठीक कर लें नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इनमें धनबाद के पीएमसीएच और एसएन चक्रवर्ती जैसे अस्पतालों के ब्लड बैंक शामिल हैं।
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, तब कराई गई जांच
झारखंड हाईकोर्ट में राजेश कुमार ने ब्लड बैंकों में तसल्ली बख्स को लेकर अवामी मुफाद दरख्वास्त लगाई थी। 19 नवंबर को सुनवाई के दौरान रियासती हुकूमत ने माना कि रियासत के कई ब्लड बैंकों में नियमों की अनदेखी हो रही है।
हुकूमत का हक़ सुनने के बाद चीफ जस्टिस आर बानुमति और जस्टिस डीएन पटेल की बेंच ने सेहत सेक्रेटरी को अहद के जरिये जवाब दाखिल करने की हिदायत दिया था।
बैन ब्लड बैंकों में कैसी-कैसी ज़ाब्तगी
एचईसी हॉस्पिटल ब्लड बैंक, रांची : स्टेट ब्लड ट्रांस्फ्यूजन काउंसिल से एनओसी ही नहीं ली, जो जरूरी है। ब्लड शेकर (खून भरी थैलियों को हिलाने वाली मशीन) ही नहीं। बाथरूम को बना दिया स्टरलाइजेशन रूम।
रिंची ट्रस्ट हॉस्पिटल ब्लड बैंक, रांची : मेडिकल ऑफिसर ही नहीं। रिकॉर्ड मेंटेन नहीं। टेंपरेचर रिकार्ड डिवाइस भी नहीं।
सदर हॉस्पिटल ब्लड बैंक, लातेहार : मेडिकल अफसर और टेक्नीशियन ओहदे के काबिल ही नहीं। ब्लड बैंक का इस्तेमाल आलू, प्याज, दाल, चावल के गोदाम की तरह हो रहा।
सदर हॉस्पिटल ब्लड बैंक, चाईबासा : एमडी पैथोलोजी ही नहीं है। जरूरी सेरोलॉजिकल टेस्ट लेबोरेटरी 11 जून 2013 से ही बंद पड़ी है।
सदर हॉस्पिटल ब्लड बैंक, गढ़वा : मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज ही नहीं हैं। पानी सप्लाय की कोई निज़ाम नहीं।
जनरल हॉस्पिटल ब्लड बैंक, किरीबुरू ब्लड टेस्ट किट के क्वालिटी कंट्रोल की निज़ाम ही नहीं। रिकॉर्ड मेंटेन नहीं।
सदर हॉस्पिटल ब्लड बैंक, गुमला : पावर बैकअप की निज़ाम ही नहीं। लाइट जाने पर एसी-फ्रिज बंद हो जाएंगे, खून खराब हो जाएगा।
सदर, ब्लड बैंक, देवघर : एक भी फुल टाइम मेडिकल अफसर नहीं।
रिन्युअल ही नहीं करा रहे 3 ब्लड बैंक
रांची के तीन ब्लड बैंक सेवंथ डे एडवेंटिस्ट हॉस्पिटल बूटी रोड, डॉ. एस प्रसाद किडनी हॉस्पिटल रेडियम रोड और इस्पात हॉस्पिटल मेकॉन लाइसेंस रिन्युअल ही नहीं करा रहे। मेकॉन ब्लड बैंक को 2012 से कई बार रिन्युअल के लिए लिखा गया, लेकिन इंतेजामिया ने नहीं कराया। जांच टीम बिना खोजबीन किए लौट आई।
नहीं चलेगी नियमों की अनदेखी
“जो भी ब्लड बैंक नियम का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई ही होगी। फिर चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी, क्योंकि खून ज़िंदगी देने से जुड़ा मामला है।” अंजनी कुमार, डायरेक्टर इन चीफ, ड्रग्स