उसकी आखरी तस्वीरो में मोहम्मद नयीम, ग्रामीणों के एक समूह से हाथ जोड़ कर ज़िन्दगी की भीख मांग रहा था । उसके सर से खून बह रहा था और शरीर खून से लथपथ था। उसकी शर्ट फटी हुई थी और पैंट पर जूतों के निशानों से पता चल रहा था की उसे बार बार लातो से मारा गया है। वो हाथ जोड़ कर आस पास इकठे हुए ग्रामीण लोगो से ज़िन्दगी की भीख मांग रहा था और बार-बार यही दोहरा रहा था की “मै निर्दोष हूँ”।
परन्तु उन्होंने उसकी हत्या कर दी।
नयीम उन चार लोगो में से आखिरी था जिन्हे गुरुवार को सोभापुर के ग्रामीण लोगो ने मार-मार कर मौत के मुँह में धकेल दिया था। सोभापुर, झारखंड के सबसे आबादी वाले शहर, जमशेदपुर से एक घंटा दुरी पर है।
नयीम की हत्या का कारण था वाट्सप्प पर फैली हुई एक अफवाह जिसके अनुसार उस क्षेत्र में एक बच्चो को अघवाह करने का गिरोह घूम रहा था।
ग्रामीण लोग जो ज्यादातर सराईकेला-खरसवंन, पूर्वी सिंहभूम और पश्चिम सिंहभूम जिले की सीमाओं में रहने वाले आदिवासी थे उन्होंने लाठी और बैट उठा कर अजनबियों पर हमला करना शुरू कर दिया। सोभापुर सराईकेला-खरसवंन जिले के नीचे आता है।
पिछले हफ्ते भी शक के कारण 2 लोगो को मार दिया गया था। पीड़ितों में से कोई भी बच्चो को अगवाह करने के समूह का हिस्सा नहीं था।
पूर्व सिंहभूम जिले में घाटशिला का एक निवासी, नयीम अपने साथी मवेशि व्यापारियों के साथ गुरुवार सुबह सोभापुर से गुज़र रहा था। टाटा-चाईबासा के ग्रामीण लोगो ने तब अपनी एसयूव रोकी और चारो लोगो को मारना शुरू कर दिया। वे लोग उन चोरो को लगातार चार घंटे तक यातनाये देते रहे जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गयी।
नयीम पर आखरी घातक हमला होने से पहले पुलिस वहां पहुँच गयी थी, परन्तु कम संख्या में होने के कारण उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं करी।
जलाउद्दीन ने कहा नयीम, उनका बहनोई एक बहुत अच्छा आदमी था और अपने बूढ़े माता पिता और छोटे बच्चो का अच्छे से पालन पोषण कर रहा था। नयीम की पत्नी गाँव की एक डिप्टी अधिकारी है। परिवार ने जिला प्रशासन द्वारा दिए जा रहे 2 लाख रुपये के मुआवज़े को लेने से इंकार कर दिया है और मांग की है की मुख़्यमंत्री उनसे मिले और उन्हें न्याय दिलाये।