रांची : शांति मार्च के बाद इतवार को खैर सगाली के अहद के साथ रांची की जिंदगी पटरी पर लौट आई। शांति मार्च में उमड़ा जनसैलाब इसका गवाह बना। शहर के हर कोने, हर मोहल्ले और तकरीबन हर सामाजिक तंजीम के लोग इसमें शामिल हुए। भाईचारे का पैगाम देते हुए लोग सुबह 10 बजे से ही अल्बर्ट एक्का चौक पर जुटने लगे थे। गुजिशता 48 घंटे की टीस को झारखंड की गंगा-जमुनी तहज़ीब ने धो दिया था। शांति मार्च अल्बर्ट एक्का चौक से शुरू हुआ। हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई के नारे के दरमियान यह डोरंडा होते हुए हिनू चौक पहुंचा। इससे पहले कौमी एकता कमेटी ने चौक के चारों तरफ सफेद झंडे फहराकर अमन का पैगाम दिया।
मार्च के साथ ही अवामी राब्ता महकमा के गाड़ी पर क़ौमी तरानों की धुन बजती रही। ‘तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा’ जैसे गीत भी बजते रहे। ‘हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई, हम सब हैं भाई-भाई’ के नारे गूंजते रहे। हिनू चौक पर यह मार्च एकता सभा में तब्दील हो गया। यहां डीसी मनोज कुमार, एसएसपी प्रभात कुमार, उदयशंकर ओझा, अकीलुर्रहमान, संजीव विजयवर्गीय, पवन शर्मा, मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, अजय नाथ शाहदेव और आलोक दुबे ने शांति मार्च की कामयाबी के लिए लोगों का शुक्रिया अदा दिया। उन्हें दोस्ती की जिंदगी जीने की सलाह दी। कहा, रांची की बगिया में हर तरह के फूलों की सुगंध ही इस शहर की पहचान है। इस इत्तिहाद को बनाए रखना हम सभी का ज़िम्मेदारी है।
इन तंजीमो ने की शिरकत
चैंबर ऑफ कॉमर्स, अंजुमन इस्लामिया, ट्रक ओनर्स एसोसिएशन, मानवीय एकता, सेंट्रल मोहर्रम कमेटी, अंसारी पंचायत, एदारा-ए-शरिया, रांची महावीर मंडल, सिख बिरादरी, पंजाबी हिंदू बिरादरी और जनवादी लेखक संघ समेत ढेरों तंजीमो ने शांति मार्च में शिरकत की।