आसाराम बापू के मामले में अब तक चुप्पी साधे रहे योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि संतों को बदनामी और इल्ज़ामात से बचने के लिए खुसुसी एहतियात होती हैं, क्योंकि उनके लिए किरदार और इज़्ज़त से बढ़कर कुछ भी नहीं है। उन्होंने पीर के दिन हरिद्वार में कहा कि साधु-संतों को ख्वातीन और लड़कियो से अकेले नहीं मिलना चाहिए। इसके साथ ही रामदेव ने कहा कि कुछ संतों से अगर गलतियां हुई हैं तो उसके लिए पूरी संत बिरादरी को गुनाहगार नहीं ठहराया जा सकता।
रामदेव ने कहा, ‘संतों ने कई बार समाज को रास्ता दिखाया हैं। आज के दौर में कुछ संतों पर जरूर आंच आई है, लेकिन उसका मतलब यह नहीं कि पूरी बिरादरी खराब हो गई हो। ज़्यादतर साधु-संत रूहानियत के साथसाथ मुखतलिफ पहलुओं पर काम कर रहे हैं और समाज को आगे बढ़ा रहे हैं। ऐसे में संतों को अपनी इज़्ज़त की खिलाफवर्जी नहीं करना चाहिए।’
रामदेव ने संतों को नसीहत देते हुए कहा, ‘उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि ख्वातीन या लड़कियो के साथ अकेले में न मिलें। जब भी वे उनसे मुलाकात करने आएं, उस वक्त कई लोग साथ हों और ख्वातीन के साथ मर्दों को भी बातचीत के लिए बैठाएं। सब इस बात का अमल करेंगे तो कोई इल्ज़ाम नहीं लगेगा।’
आसाराम की गिरफ्तारी और जिंसी इस्तेहसाल के इल्ज़ाम पर कोई तब्सिरा करने से इनकार करते हुए रामदेव ने कहा कि ताजा वाकिया पर अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सारे मौजू की जांच हो रही है और हमें सच के सामने आने का इंतेजार करना चाहिए।
रूहानी ज़िंदगी जीने वालों के लिए सहीफो ने नियम तय किए हैं, जो भी इन नियमों की खिलाफवर्जी करेगा उसे सजा भुगतना पड़ेगा।
——-बशुक्रिया: नवभारत टाइम्स