आर ऐस एस ने बी जे पी के सदर नितिन गडकरी की बिज़नस मुआमलतों पर पैदा शुदा तनाज़ा से ख़ुद को बेताल्लुक़ रखते हुए आज वाज़िह तौर पर कहा कि क़ानून अपना काम करेगा और वो (आर ऐस ऐस) किसी केलिए नरम गोशा नहीं रखता।
आर ऐस एस के जवाइंट जनरल सैक्रेटरी दत्ता तुरीय हिस्सा बेले ने चेन्नाई के मज़ाफ़ाती इलाक़ा कलिम बकम में आर ऐस एस की क़ौमी आमिला कौंसल के शुरुआत के बाद अख़बारी नुमाइंदों से गडकरी के मसले पर बातचीत के दौरान कहा कि और जो क़सूरवार पाए जाऐंगे इन्हें क़ानून के मुताबिक़ सज़ा-ए-दी जानी चाहीए।
आर ऐस एस के जनरल सैक्रेटरी सुरेश जोशी की तरफ से कुछ दिन पहले दिए गए एक बयान पर कि कोई भी फ़र्द या इदारा जो गै़रक़ानूनी सरगर्मीयों में शामिल पाया जाएगा उस को ग़ैर जांबदार तहक़ीक़ात का सामना करना चाहीए और जुर्म साबित होने पर उस को सज़ा दी जानी चाहीए, मिस्टर हिस्सा बेले ने कहा कि आर ऐस एस का यही मौक़िफ़ बरक़रार है।
आर ऐस एस के इस बैठक में ज़ाफ़रानी तंज़ीम के सरबराह मोहन भागवत के अलावा मुल्क के 400 से ज़्यादा मंदूबीन शिरकत कररहे हैं, जिस में बंगला देश से गै़रक़ानूनी तौर पर तारकीन-ए-वतन की आमद के अलावा हुसूल आराज़ीयात बिल जैसे मुख़्तलिफ़ मसाइल पर बेहस की जाएगी।
मीडीया की तरफ से गडकरी को रिश्वत के मसले पर नुमायां तौर पर पेश किए जाने का सख़्त नोट लेते हुए उन्होंने कहा कि (रिश्वत सतानी के मामला में) गडकरी के अलावा दीगर 100 लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि (हरियाणा में) हुसूल अराज़ी का मसला हो या रिश्वत सतानी या और कोई दूसरा मसला हो, बी जे पी के पास रिश्वत सतानी केलिए मुख़्तलिफ़ पैमाना जात नहीं है।
