गवर्नर को ज़ाइद इख़्तियारात की ज़िम्मेदारी की मुख़ालिफ़त

रियास्ती वज़ीर आबपाशी और मार्केटिंग टी हरीश राव ने इल्ज़ाम आइद किया कि हैदराबाद में गवर्नर को ज़ाइद अख़्तयारात की फ़राहमी चीफ़ मिनिस्टर आंध्र प्रदेश चंद्र बाबू नायडू की साज़िश का हिस्सा है।

उन्हों ने गवर्नर को ला ऐंड आर्डर और दीगर उमूर में ज़ाइद अख़्तयारात की तजवीज़ की शिद्दत से मुख़ालिफ़त करते हुए कहा कि एक तरफ़ चंद्र बाबू नायडू मुशतर्का मसाइल की यक्सूई के सिलसिले में तेलंगाना हुकूमत से बातचीत के लिए तैयार होने का दावा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ़ तेलंगाना के ख़िलाफ़ उन की साज़िशों का सिलसिला जारी है।

हैदराबाद में अमनो ज़ब्त की सूरते हाल पर गवर्नर को ज़ाइद अख़्तयारात चंद्र बाबू नायडू की इसी साज़िश का हिस्सा है। मर्कज़ी हुकूमत और गवर्नर की आड़ में चंद्र बाबू नायडू तेलंगाना पर अपना तसल्लुत क़ायम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हों ने कहा कि रियासत की तक़सीम के बाद अभी तक अलाहिदा दफ़्तर अलॉट ना किए जाने की चंद्र बाबू नायडू ने शिकायत की और तेलंगाना सेक्रेट्रीएट में सहूलतों की कमी का मसअला भी उठाया।

लेकिन तेलंगाना के मुफ़ादात को नुक़्सान पहुंचाने के लिए उन की मसाई जारी है। हरीश राव ने चंद्र बाबू नायडू के इस इस्तिदलाल को मुस्तरद कर दिया कि हैदराबाद में सीमा आंध्र अवाम की जान और माल के तहफ़्फ़ुज़ के लिए गवर्नर को ज़ाइद अख़्तयारात ज़रूरी हैं। इस सिलसिले में उन्हों ने वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी को मकतूब भी रवाना किया।

हरीश राव ने सवाल किया कि तेलंगाना में टी आर एस हुकूमत के क़ियाम के बाद से सीमा आंध्र से ताल्लुक़ रखने वालों पर मज़ालिम या नाइंसाफ़ी का क्या एक भी वाक़िया पेश आया है? हरीश राव ने कहा कि रियासत की तक़सीम को रोकने के लिए चंद्र बाबू नायडू ने क़ौमी सतह पर हर मुम्किन कोशिश की लेकिन उन्हें नाकामी का सामना करना पड़ा।

अब वो चाहते हैं कि मुशतर्का दारुल हुकूमत पर अपना तसल्लुत बरक़रार रखें। हरीश राव ने बी जे पी क़ाइदीन की जानिब से गवर्नर को ज़ाइद अख़्तयारात की ताईद पर अफ़सोस का इज़हार किया।