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गहलोत‌ का काबिना ज़ानी वज़रा पर मुश्तमिल: वसुंधरा राजे

वज़ीर बाबू लाल नागर पर इस्मत रेज़ि के इल्ज़ाम पर ब्रहम बी जे पी ने रियास्ती हुकूमत को तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि वज़ीर-ए-आला गहलोत‌ को फ़ौरी तौर पर इलाहदा होजाना चाहिए क्योंकि उनके वज़रा ज़्यादा तर संगीन इल्ज़ामात का सामना कररहे हैं।

रियास्ती बी जे पी सरबराह वसुंधरा राजे ने गुजिश्ता रात‌ एक बयान जारी करते हुए कहा कि ज़ानियों की हुकूमत है और वज़रा हमेशा संगीन जराइम के मुर्तक़िब हुए हैं। अगर वज़ीर-ए-आला में ज़र्रा बराबर भी श्रम बाक़ी है तो उन्हें फ़ौरी तौर पर इलाहदा होजाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस नौईयत के वाक़ियात से रियासत की साख बुरी तरह मुतास्सिर होरही है।

अव्वाम ये समझ रहे हैं कि अर्बाब इक़तिदार ज़ानी हैं और उन्हें मुख़्तलिफ़ जराइम में मुलव्वस होने के सिवाए दूसरा कोई काम नहीं है। कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ हक़ीक़त ज़रूर है, वर्ना इस तरह वज़रा और दीगर अव्वामी नुमाइंदों को मौरिद इल्ज़ाम नहीं ठहराया जा सकता।

याद रहे कि डेरी-ओ-खादी के 53 साला रियास्ती वज़ीर को अपनी रिहायश गाह पर एक 35 साला ख़ातून की इस्मत रेज़ि के इल्ज़ाम का सामना है और उन्होंने कल अपना इस्तीफ़ा पेश कर दिया था, जिसे अशोक गहलोट ने आज मंज़ूर करलिया। वसुंधरा राजे ने मज़ीद कहा कि अब तक गहलोत‌ काबीना के 9 वुज़रा को मुख़्तलिफ़ इल्ज़ामात का सामना करते हुए मुस्ताफ़ी होना पड़ा था जो यक़ीनन अपनी नौईयत का एक अनोखा रिकार्ड है।

उन्होंने कहा कि नागर को उस वक़्त फ़ौरी तौर पर मुस्ताफ़ी होजाना चाहिए था जब उन पर इल्ज़ाम आइद किया गया था। उनको अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया ये बात भी हैरतअंगेज़ है। नागर ने मुतास्सिरा ख़ातून को 11 सितंबर के रोज़ अपने बंगला पर मुलाज़मत के बहाने बुलाया था और उन्होंने उसके साथ ना सिर्फ़ मुह‌ काला किया बल्कि उसे मारा पीटा और धमकाया भी।

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