हरियाणा: दादरी जिले का कमोद गांव में लडक़ों के मुकाबले बेटियों का लिंग अनुपात 1000 पर 1300 है। इस गाँव को अब बेटियों के ‘नेमप्लेट’ वाले गांव के रूप में जाना जाएगा। बेटियों को सम्मान देने के साथ-साथ इस गांव में हर घर की पहचान बेटी के नाम से होगी।
देश में महिलाओं की स्थिति को संवारने को लेकर जहां एक ओर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान चल रहा है। वहीं इस गांव में ‘मेरी बेटी, मेरी पहचान’ नाम का एक खास अभियान शुरू किया गया है। गांव की पंचायत के नुमाइंदे अभियान के तहत जिले के हर घर तक पहुंचेगे। नारी का सम्मान ही घर की असली शोभा है ये बात हर घर के मुखिया एवं सदस्य को समझायेंगे। इसलिए आप सब अपने घरों के दरवाजों पर अपनी नेम प्लेट की बजाय अपनी बेटी के नाम पर नेम प्लेट लगाए।
उन्होंने कहा कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि वह इस मुहिम को हर घर तक लेकर जाएंगे । नेम प्लेट लगाने का खर्चा खुद पंचायत वहन करेगी। पहले चरण में कमोद गांव के हर घर के बाहर उनकी बेटी के नाम से नेम प्लेट लगाई जाए।
आंगनवाड़ी वर्कर जगवंती देवी के मुताबिक़ एक से ज्यादा बेटी होने पर बड़ी बेटी का नाम नेम प्लेट पर लिखा जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग से भी ग्रामीणों के इस पहल को समर्थन दिया गया है।